कर्नाटक में जारी राजनीतिक नाटक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले कुछ दिनों से राज्य की सत्ता पर काबिज कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जदएस) की सरकार लगातार भाजपा पर सरकार को गिराने का आरोप लगा रही है।
वहीं भाजपा का कहना है कि वह सरकार को अस्थिर करने की कोई कोशिश नहीं कर रही है। शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने एक बार फिर भाजपा पर विधायक को खरीदने का आरोप लगाया है। जिसपर पलटवार करते हुए भाजपा का कहना है कि विधायकों को जोड़े रखना उनकी जिम्मेदारी है।
Karnataka CM: Operation Kamala is still on. Last night they (BJP) offered one of our MLAs huge amount of money. You'll be surprised to know the amount. Our MLA told them he doesn't need any gift¬ to try these things with him. This is how they are still working on poaching. pic.twitter.com/dt1tN6Kt7N
— ANI (@ANI) January 26, 2019
कुमारस्वामी ने कहा, ‘ऑपरेशन कमल अभी भी जारी है। पिछली रात को उन्होंने (भाजपा) ने हमारे विधायकों को बहुत बड़ी राशि का ऑफर दिया। आप रकम सुनकर हैरान रह जाएंगे। हमारे विधायक ने बताया कि उसे कोई तोहफा नहीं चाहिए और उसपर यह चीजें प्रयोग करने की कोशिश न करें। इस तरह से वह खरीद-फरोख्त का कार्य अब भी कर रहे हैं।’
BS Yeddyurappa, BJP: We aren't indulging in any Operation Kamala.Their MLAs are trying to go away from them due to their internal fight. It's their duty to keep them intact.They should stop giving baseless statements against us.We're 104&2 independent MLAs are also in opposition. pic.twitter.com/i80jz95X0Z
— ANI (@ANI) January 26, 2019
मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए राज्य के भाजपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा, ‘हम किसी भी तरह के ऑपरेशन कमल में शामिल नहीं हैं। अंदरुनी लड़ाई की वजह से उनके विधायक उनसे दूर जाना चाहते हैं। उन्हें जोड़कर रखना उनकी जिम्मेदारी है। उन्हें हमारे खिलाफ आधारहीन बयान देने बंद कर देने चाहिए। हमारी संख्या 104 है और हमारे साथ दो निर्दलीय विधायक भी विपक्ष में हैं।’
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, इससे पहले कर्नाटक के बागी विधायकों ने विधायक दल की बैठक के मुखिया और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर खुद को पार्टी का वफादार बताया था।
गुरुवार को लिखे पत्र में उन्होंने पार्टी के प्रति अपनी वफादारी जताई थी क्योंकि उन्हें कांग्रेस विधायक दल की बैठक (सीएलपी) में शामिल न होने के कारण दल-बदल कानून के अंतर्गत नोटिस भेजा गया था।
जरकीहोली, कुमार टल्ली और दो अन्य विधायक बी नागेंद्र और उमेश जाधव कांग्रेस विधायक दल की बैठक से नदारद थे। इस बैठक को कांग्रेस की मजबूती साबित करने के लिए बुलाया गया था।