सरकार ने बदले आधार कार्ड के नियम, कोई भी बैंक या कंपनी उपभोक्ता को नहीं कर सकती मजबूर

   

मोदी सरकार ने आम आदमी को बड़ी राहत दी है। अब आधारकार्ड दिखाने या देने के लिए कोई भी बैंक या कंपनी किसी भी ग्राहक या उपभोक्ता को मजबूर नहीं कर सकती।मोदी कैबिनेट ने आधार और अन्य कानून (संशोधन) विधेयक 2019 को मंजूरी  दे दी है। इसका अर्थ यह है कि कानूनी सहमति के अलावा अन्य किसी भी मामले में आधार देना अनिवार्य नहीं होगा।  सरकार की गवर्नमेंट सब्सिडी आम लोगों तक आसानी से पहुंचाने के लिए आधार कार्ड की मदद लेने की योजना रही है।

कैबिनेट के इस निर्णय के बाद यूआईडीएआई को आधार डाटा सुरक्षित करने और उसके गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए पहले से बेहतर सिस्टम मिलेगा। इस नियम के बाद अब किसी को भी अपनी पहचान बताने के लिए आधार नंबर या आधार कार्ड देने की जरूरत नहीं है, जब तक कानूनी तौर पर यह जरूरी न हो। आम जनता की सुविधा के मद्देनजर बैंक खाता खोलने के लिए आधार नंबर या आधार कार्ड की कॉपी को स्वैच्छिक करने की जानकारी सामने आ रही है।

इससे पहले सितंबर 2018 में  सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला देकर साफ कर दिया था कि आधार कार्ड कहां देना जरूरी है और कहां नहीं। कोर्ट ने कहा था कि इसे संवैधानिक रूप से वैध तो माना जायेगा, लेकिन  हर किसी से शेयर करना जरूरी नहीं है। सुप्रीमो कोर्ट ने कहा था कि आधार कार्ड पैन कार्ड बनाने के लिए आधार कार्ड जरूरी होगा इसके आयकर रिटर्न दाखिल करने सरकार की लाभकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ पाने के लिए भी आधार कार्ड अनिवार्य होगा।