सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण के फैसले ने विपक्ष की नींद उड़ा दी है- पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा और नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण प्रदान करने पर विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए रविवार को कहा कि सरकार के इस फैसले से विपक्षी दलों के लोगों की रातों की नींद उड़ गई है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार यह फैसला राजनीति से प्रेरित है और इसका मकसद अगले लोकसभा चुनाव में अगड़ी जातियों का वोट बटोरना है. प्रधानमंत्री ने इसे अतार्किक बताते हुए महाराष्ट्र के हटकांगले, कोल्हापुर, माढ़ा, सतारा और गोवा के दक्षिण गोवा लोकसभा संसदीय क्षेत्र के बूथ स्तर के भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि फैसले से विपक्षी दलों की रातों की नींद उड़ गई है. उन्होंने कहा कि वे झूठ और अफवाह फैला रहे हैं.

मोदी ने कहा, अगर हमारे फैसले में ताकत कम होती तो उनकी (विपक्षी दलों) की नींद नहीं उड़ती. अब वे झूठ और अफवाह फैला रहे हैं.उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित में ऐतिहासिक फैसला लिया गया. उन्होंने कहा, हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास में विश्वास करती है. पहली बार ऐसा फैसला लिया गया. उन्होंने (विपक्षी दल) सामाजिक न्याय के लिए कुछ नहीं किया और जब मैंने किया तो वे सो रहे थे. विधेयक 48 घंटे में पास (संसद में) पास हुआ. उन्होंने जोर देकर कहा कि फैसला राजनीति से ऊपर उठकर लिया गया, जोकि संविधान में संशोधन के बिना संभव नहीं था.

प्रधानमंत्री ने कहा, एससी/एसटी और ओबीसी के लिए मौजूदा आरक्षण को बाधित नहीं किया जाएगा. हम शैक्षणिक संस्थानों में 10 फीसदी सीटें बढ़ा रहे हैं. इससे अवसर के नए दरवाजे खुलेंगे. समाज के बड़े वर्ग को न्याय मिलेगा. उन्होंने पार्टी के काडर से विपक्ष के आरोप का प्रतिकार आक्रामक ढंग से करने की अपील की.

इससे पहले केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने रविवार को दावा किया कि सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के वास्ते 10 प्रतिशत आरक्षण के कदम से भाजपा नीत राजग सरकार का मत प्रतिशत 10 प्रतिशत तक बढ़ेगा जिससे नरेन्द्र मोदी के फिर से प्रधानमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त होगा. उन्होंने कहा, मैं आपको बता दूं. यह 10 प्रतिशत कोटा हमारे वोट शेयर में 10 प्रतिशत की वृद्धि करेगा. उन्होंने कहा कि इस विधेयक का विरोध किये जाने के बाद बिहार में लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को अपना खाता खोलने में मुश्किल होगी.