सिर्फ़ इराक़, अफगानिस्तान और सीरिया ही नहीं, हर जगह फंसता जा रहा है अमेरिका!

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वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति ने कहा कि अमरीका की ओर से लगातार मिलती धमकियों के बावजूद वे अमरीका से नहीं डरते। उन्होंने कहा कि वेनेज़ुएला, अमेरिकी सैनिकों के लिए दूसरा वियतनाम साबित होगा।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादूरा ने अलमयादीन टीवी चैनल को इंटरव्यू देते हुए कहा कि अमेरिका ने अगर थोड़ी सी भी कोई ग़लती की और सैन्य कार्यवाही के बारे में सोचा तो वेनेज़ुएला अमेरिकी सैनिकों के लिए दूसरा वियतनाम बनने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि इस समय पूरी दुनिया अमेरिका की युद्धोन्माद नीतियों से त्रस्त हो चुका है और अगर उसने एक और युद्ध भड़काया तो पूरा वैश्वि समुदाय उसकी साम्राज्यवादी नीतियों के ख़िलाफ़ उठ खड़ा होगा। मादूरो ने कहा कि हमारे अरब और मुसलमान भाई, साथ ही पूरी दुनिया के लोग अमेरिका के विरुद्ध युद्ध में वेनेज़ुएला का साथ देंगे।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादूरो ने कहा कि हमारे देश में जो भी होना है उसका निर्णय कोई और नहीं ले सकता बल्कि वेनेज़ुएला की जनता स्वयं अपने भविष्य का फ़ैसला लेने में सक्षम है।

उन्होंने कहा कि अमेरिक के समर्थन से देश में समानांतर सरकार के गठन की कोशिश बुरी तरह विफल हो चुकी है और सभी सर्वे और उसके परिणाम इस बात के साक्षी हैं। मादूरो ने कहा कि वेनेज़ुएला की जनता खुद के द्वारा चुनी गई सरकार को ही वैध और संवैधानिक मानती है।

उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हाल ही में कह चुके हैं कि वेनेज़ुएला के लिए उनके पास बहुत से विकल्प मेज़ पर मौजूद हैं जिनमें से एक सैन्य विकल्प शामिल है।

दूसरी ओर वेनेज़ुएला ने अमरीकी सरकार पर अपने देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप की बात कही है। वेनेज़ुएला का आरोप है कि वाशिंग्टन, वहां के सरकार विरोधियों को वेनेज़ुएला की सरकार के विरुद्ध उकसा रहा है।

ज्ञात रहे कि वेनेज़ुएला के विपक्षी नेता ने अमरीका की हरी झंडी और कुछ युरोपीय देशों के समर्थन से स्वयं को वेनेज़ुएला का राष्ट्रपति घोषित कर रखा है जबकि क़ानूनी रूप में निकोलस मादूरो ही वेनेज़ुएला के राष्टर्पति हैं क्योंकि उनको वहां की जनता से बहुमत से अपना राष्ट्रपति चुना है।