बीजिंग, 10 अप्रैल । 1 जुलाई 2021 को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ है। इसे मनाने के लिए आजकल चीन में तरह-तरह की गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं, जैसे पार्टी का इतिहास सीखें अभियान, पुराने रेड क्रांतिकारी स्थलों की यात्रा, संबंधित फिल्म व टीवी धारावाहिकों का प्रदर्शन और इत्यादि। ऐसे में भारतीय लोगों की नजर में सीपीसी की छवि कैसी है। आधुनिक चीन के लिए सीपीसी का मुख्य योगदान क्या है, इन सवालों को लेकर सीएमजी के हिंदी विभाग ने दिल्ली में कार्यरत फ्रीलांसर और चीनी मामलों के जानकार अमीर आजमी के साथ एक खास बातचीत की।
अमीर आजमी को बचपन से ही चीन के बारे में रुचि रही है। वे लंबे समय से चीनी मामलों पर नजर बनाए रखे हैं। उन्होंने अखबारों में चीन के बारे में कई आलेख लिखे हैं और कई बार चीन की यात्रा की है।
उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक ²ष्टिकोण से देखा जाए, तो सीपीसी ने आधुनिक चीन के लिए दो सबसे बड़े योगदान दिए हैं। पहला, सीपीसी ने चीनी जनता का नेतृत्व कर वर्ष 1949 में नए चीन की स्थापना की, जिससे चीनी जनता विश्व के सामने खड़ी हो सकी। जब सीपीसी वर्ष 1921 में स्थापित हुई, उस समयचीन बहुत गरीब और पिछड़ा था, जो अर्धसामंती और अर्धऔपनिवेशिक दौर में था। लंबे समय तक घोर संघर्ष के बाद नए चीन की स्थापना हुई और चीन ने सच्चे माइने में स्वतंत्रता प्राप्त की। इस दौरान चीन में एक महान नेता माओत्से तुंग यानी अध्यक्ष माओ उभरे।
दूसरा, सीपीसी के नेतृत्व में चीन ने तेज विकास पूरा किया और पूरे समाज का कायापलट हो गया। नए चीन की स्थापना के बाद चीन ने योजनाबद्ध और बड़े पैमाने तौर पर विकास कार्य शुरू किया। खासकर, पिछली सदी के 80 के दशक से चीन ने सुधार और खुलेपन की नीति लागू की, तब से चीन दिन दूना रात चौगुना बढ़ने लगा।
उल्लेखनीय बात है कि वर्ष 2012 में चीनी नेता बनने के बाद शीचिनफिंग ने गरीबी उन्मूलन पर जोर लगाया और वे खुद इस बारे में बहुत सक्रिय रहे हैं। अब चीन में अति गरीबी खत्म की जा चुकी है। भारत समेत कई एशियाई देश भी गरीबी से लड़ रहे हैं। इस संदर्भ में हम चीन से बहुत सीख सकते हैं। कहा जा सकता है कि अपनी स्थापना के समय जो सपना था, सीपीसी ने पूरा किया है।
सीपीसी की सफलता के राज की चर्चा में अमीर जी ने बताया कि सीपीसी की सोच दूरगामी है। उनकी विचारधारा अधिकांश चीनियों के हित में है और उनको आकर्षित करती है। चीनी नेता कई पीढ़ियों तक अपने प्रारंभिक आकांक्षा पर कायम रहकर एक ही दिशा पर चलते रहते हैं। वे देश की सभी जनजातियों और सभी क्षेत्रों के लिए काम कर रहे हैं।
शिनच्यांग का मुद्दा आजकल एक सरगर्म मुद्दा बन गया है। इस बारे में अमीर ने बताया कि पश्चिमी मीडिया विश्व को भ्रमित कर रहा है और चीन के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा है। मैं खुद शिनच्यांग गया था और वहां मुस्लिम गुरुओं समेत बहुत लोग मिले और मुझे उनके घर जाने का भी मौका हासिल हुआ। वे लोग बहुत अच्छे हैं और वहां शिक्षा, रहन-सहन व विकास की स्थिति बहुत अच्छी है। चीन सरकार ने शिनच्यांग के साथ कोई भेदभाव नहीं किया है। स्थानीय सरकार ने आतंकवाद दूर करने के लिए जो कदम उठा, वे बहुत जरूरी हैं। शिनच्यांग संबंधी झूठी खबरें पढ़कर अमीर को दुख होता है।
(साभार : चाइना मीडियाग्रुप, पेइचिंग)
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