सीबीआई ने कहा सवाल पूछो तो टाल-मटोल करते हैं, चिदंबरम ने कहा सारे जवाब दे चुका हूँ 24 घंटे से सोया नहीं हूँ

   

नई दिल्ली : सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के वकील एवं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की वरिष्ठ अधिवक्ता एवं चिदंबरम के पार्टी सहयोगी कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी के साथ तीखी बहस हुई। सीबीआई के तरफ से कहा गया की चिदम्बरम बिलकुल चुप रहते हैं और स्वाल पूछो तो टाल-मटोल करते हैं। इस पर चिदम्बरम की ओर से जवाब दिया गया की वह सारे सवालों के जवाब दे चुके हैं खुद चिदम्बरम ने कोर्ट मे कहा कि मैं 24 घंटे से सोया नहीं हूँ। कृपया आप सवालों और जवाबों को दिखिए,। ऐसा कोई सवाल नहीं है, जिसका मैंने जवाब न दिया हो। मेहता ने आईएनएक्स मीडिया प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज धन शोधन के मामले में चिदंबरम को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दिए जाने का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने कहा कि मुखौटा कंपनियों के माध्यम से मोटी रकम इधर से उधर हुयी थी और इसलिए इन लेनदेन की तह तक पहुंचने के लिये चिदंबरम को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि चिदंबरम ने देश के बाहर 11 संपत्तियां, न केवल भारत में बल्कि विदेश में 17 बैंक खाते बनाए और मुखौटा कंपनियों की आड़ में रुपयों का लेनदेन किया।

मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता (चिदंबरम) और उनकी पार्टी के सहयोगियों ने काफी ‘‘शोरगुल’’ किया और ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ का आरोप लगाया लेकिन ‘‘मैं पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि धन शोधन का यह मामला बहुत बड़े पैमाने का है।’’ उन्होंने कहा कि सच सामने लाने के लिए चिदंबरम से हिरासत में पूछताछ करने की जरूरत है और दावा किया कि केंद्रीय वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने इंद्राणी और पीटर मुखर्जी से ‘‘अपने बेटे का ध्यान रखने’’ के लिए कहा जब आईएनएक्स मीडिया के लिए एफआईपीबी की मंजूरी के संबंध में वे 2007 में उनसे मिले थे।

मेहता ने कहा कि उन्हें अभी तक मिले सबूतों के साथ चिदंबरम से पूछताछ करने की जरूरत है। इन सबूतों में कुछ ई-मेल और धनराशि का लेनदेन भी शामिल है। मुखौटा कंपनियां बनाने वाले कई लोगों ने चिदंबरम की पोती के नाम पर एक वसीयत बनाई थी। मेहता ने कहा कि चिदंबरम ने अपने जवाबों में टालमटोल की और कुछ भी बताने से इनकार कर दिया तथा जांच में सहयोग नहीं किया। सिब्बल ने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है कि उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई नहीं की और उसी रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सिंघवी ने दलील दी कि ईडी के मामले में अग्रिम जमानत रद्द करते समय उच्च न्यायालय को इस तरह की टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए थीं कि अब समय आ गया है कि संसद कानून में संशोधन करे जिससे सफेदपोश अपराधियों को अग्रिम जमानत नहीं मिले। इस बीच, दिल्ली की एक अदालत ने सीबीआई और ईडी द्वारा दायर एयरसेल-मैक्सिस मामले में चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति को तीन सितंबर तक गिरफ्तारी से संरक्षण दे दिया। अदालत ने तब तक उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। ये मामले 3500 करोड़ रुपये के एयरसेल- मैक्सिस सौदे में एफआईपीबी की मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं से जुड़े हुए हैं जब पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे।