सीमित संख्या के फैसले के बाद सऊदी अरब ने हज को लेकर जारी किए नए दिशा निर्देश

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दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सऊदी अरब ने हज यात्रा के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए हैं. ये प्रोटोकॉल हज यात्रियों, गाइड और हज प्रबंधन से जुड़े लोगों के लिए रहेगा. 19 जुलाई से अधिकारी मीना, मुजदल्फा, अराफात के मैदान में बिना इजाजत यात्रियों को नहीं आने देंगे.

 

कोविड-19 संक्रमण की चेतावनी वाले कई भाषाओं में साइनबोर्ड को लगाना जरूरी होगा. साइनबोर्ड में हाथ धोना, छींकना-खांसना और अल्कोहल निर्मित हैंड सैनेटाइजर के इस्तेमाल के बारे में जानकारी होगी.

 

हज आयोजकों को काबा के आसपास तवाफ में यात्रियों के बीच 1.5 मीटर की दूरी बनाए रखनी होगी. हज यात्रियों को सई के दौरान (सफा, मरवा के बीच तेज कदमों से चलना) सभी छतों पर भेजा जाएगा. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की खातिर बनाए गए लाइन में ही हज यात्रियों को  रहते सई करना होगा. खाने काबा और हजरे असवद को यात्री नहीं छू सकेंगे. इसके लिए बैरियर लगाए जाएंगे.

 

मस्जिद के कारपेट को हटा दिया जाएगा. उसमें खाने की इजाजत नहीं होगी. सभी निजी गाइड, यात्री और कार्यकर्ताओं के तापमान को पूरी हज यात्रा के दौरान चेक किया जाएगा. हर वक्त श्रद्धालुओं को सुरक्षित उपकरण फेस मास्क और गीयर पहनना लाजिम होगा. 50 स्कवॉयर मीटिर के एक टेंट में सिर्फ दस यात्रियों को रखा जाएगा. यहां भी हर यात्री 1.5 मीटर की दूरी पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करेगा.

 

इस बार प्रोटोकॉल के बीच हज का आयोजन

 

यात्रियों को संक्रमण से बचाने के लिए खास ट्रैक तैयार किए गए हैं. आयोजकों को निगरानी करने को कहा गया है जिससे सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करते हुए यात्री लाइन में ठहर सकें. संक्रमण के संदिग्ध मरीजों को डॉक्टरी जांच की रिपोर्ट के आधार पर हज करने दिया जाएगा. कोरोना संदिग्ध मामलों के मरीजों को अलग समूह में रखा जाएगा. उनके लिए ट्रैक, बस, रहने, खाने-पीने की अलग व्ययवस्था की जाएगी.

 

गाइड, आयोजक, यात्रियों को करना होगा पालन

 

हाजियों की सेवा में लगे लोगों को खाना परोसने से पहले कम से कम 40 सेकंड हाथ धोना जरूरी होगा. साबुन, पानी नहीं मिलने पर उन्हें अल्कोहल निर्मित सैनेटाइजर मुहैया कराया जाएगा. जिसे 20 सेकंड तक हाथों पर मलना जरूरी होगा. गौरतलब है कि इस बार सऊदी अरब से बाहर के मुस्लिमों को हज यात्रा की अनुमति नहीं है. हुकूमत ने सिर्फ अपने मुल्क और यहां के प्रवासियों को हज करने की इजाजत दी है.