दिल्ली की एक अदालत ने सीलमपुर इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने वाले के आरोपी 14 लोगों की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है। चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विनोद कुमार गौतम ने उन्हें 16 जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इससे पहले मामले में दो आरोपियों को मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत दे दी गई थीं।
दिल्ली पुलिस ने 17 दिसंबर को दिल्ली के सीलमपुर इलाके में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन के बाद 16 लोगों को गिरफ्तार किया था। प्रदर्शनकारियों की पुलिसकर्मियों के साथ कथित तौर पर झड़प हुई थी और विरोध के दौरान तीन बसों में तोड़फोड़ की थी। घटना में कई लोग घायल भी हो गए थे।
दो को मिल चुकी है अंतरिम जमानत
इसके बाद, अदालत ने उन्हें एक दिन बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। दो आरोपियों को पहले मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत दी गई थी, जबकि अन्य को अदालत में आज पेश किया गया। हाल में दिल्ली में भड़की हिंसा के सभी मामले अपराध शाखा पुलिस देख रही है।
जाफराबाद में हुआ था भारी विरोध
बता दें कि जामिया हिंसा के बाद दिल्ली के जाफराबाद में भारी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था। प्रदर्शन के दौरान बसों में तोड़फोड़ की गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। बाद में पुलिस ने तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे। प्रदर्शकारियों ने सीलमपुर पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था। दो बाइक में भी आग लगा दी गई थी। पुलिस ने इलाके में धारा 144 लगा दी थी। आगजनी और हिंसा को लेकर पुलिस ने तीन मामले दर्ज किए थे।