सुप्रीम कोर्ट जज ने कलीजियम के यू-टर्न के खिलाफ CJI गोगोई को लिखा खत

,

   

सुप्रीम कोर्ट कलीजियम द्वारा 2 हाई कोर्टों के चीफ जस्टिसों को सुप्रीम कोर्ट जज बनाने की सिफारिश पर यू-टर्न लेने और उनकी जगह 2 अन्य हाई कोर्ट के चीफ जस्टिसों को SC जज बनाने की सिफारिश करने पर विवाद हो गया है। कलीजियम राजस्थान और दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिसों प्रदीप नंद्राजोग और राजेंद्र मेनन को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश से पीछे हट गया है और उनकी जगह पर कर्नाटक हाई कोर्ट के सीजे दिनेश माहेश्वरी और दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट जज बनाने की सिफारिश की है

सीजेआई रंजन गोगोई की अगुवाई वाले 5 सदस्यीय कलीजियम के इस अचानक यू-टर्न से सुप्रीम कोर्ट के कई जज नाराज हैं और ‘सांस्थानिक फैसले’ की रक्षा के तरीकों को लेकर चर्चा कर रहे हैं। वे निर्णय-प्रक्रिया में निरंतरता के पक्ष में हैं। वे नहीं चाहते कि कलीजियम द्वारा लिए गए फैसले से कहीं से भी यह संकेत जाए कि ये सदस्यों के व्यक्तिगत पसंद से प्रभावित है।

सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के जज संजय कौल राजस्थान हाई कोर्ट के सीजे नंद्राजोग को नजरअंदाज किए जाने के खिलाफ पहले ही लिखित आपत्ति दर्ज करा चुके हैं। कलीजियम को लिखे पत्र में कौल ने कहा है कि नंद्राजोग उन सभी जजों में सबसे वरिष्ठ हैं, जिनके नामों पर विचार किया गया। उन्होंने कहा कि नंद्राजोग को नजरअंदाज करने से गलत संकेत जाएगा। सूत्रों ने बताया कि कौल ने लिखा है, ‘वह (नंद्राजोग) सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए सर्वथा उपयुक्त हैं।’

टाइम्स ऑफ इंडिया ने शनिवार को बताया था कि सुप्रीम कोर्ट कलीजियम ने माहेश्वरी और खन्ना को सुप्रीम कोर्ट जज बनाने की सिफारिश की है। 12 दिसंबर को सीजेआई गोगोई की अध्यक्षता और जस्टिस मदन बी. लोकुर, जस्टिस ए. के. सीकरी, जस्टिस एस. ए. बोबडे और जस्टिस एन. वी. रमन्ना की सदस्यता वाले कलीजियम की बैठक हुई थी। बैठक में नंद्राजोग और मेनन को सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर नियुक्ति की सिफारिश का फैसला हुआ। इस पर पांचों जजों के दस्तखत भी हो गए थे। बाद में जब सीजेआई को पता चला कि कलीजियम की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजे जाने से पहले ही मीडिया में लीक हो गई है तो वह नाराज हो गए। सीजेआई ने नामों पर पुनर्विचार के लिए 5 और 6 जनवरी को कलीजियम की बैठक बुलाई।