सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के वकील से कहा, साबित करें कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई !

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अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि मस्जिद का निर्माण किसी खाली या खेतीहर जमीन पर नहीं किया गया था, बल्कि ईसा पूर्व दूसरी सदी में बने मंदिर के ढांचे पर इसे बनाया गया था। तस्वीरें इस बात का प्रमाण हैं कि मस्जिद के भीतर पूजा होती थी।

भले ही रामलला विराजमान के वकील मस्जिद के खंभों पर देवता की तस्वीर और मूर्तिकला के होने के आधार पर वहां मंदिर होने का दावा कर रहे हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यह साबित करने को कहा कि आखिर इसके क्या सबूत हैं कि राम मंदिर के अवशेष पर मस्जिद का निर्माण किया गया? जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सदियों से हम देखते आ रहे हैं नदी किनारे सभ्यता बसती है और उजड़ती है। पुराने अवशेषों पर नए ढांचे खड़े किए जाते हैं।

वैद्यनाथन : सिर्फ नमाज पढ़ने से वह जगह आपकी नहीं हो सकती जब तक आपकी संपत्ति न हो। मस्जिदें सामूहिक साप्ताहिक और दैनिक प्रार्थना के लिए होती हैं।
राजीव धवन : कहीं पर भी नमाज अदा करने की बात गलत है, यह इस्लाम की सही व्याख्या नहीं है।
वैद्यनाथन : एएसआई की रिपोर्ट से साफ है की मस्जिद किसी खाली पड़ी जमीन या कृषि पर नहीं बनी।
राजीव धवन : कार्बन डेटिंग सिर्फ उन्हीं चीजों की हो सकती है जिनमें कार्बन की मात्रा हो जैसे कि हड्डियों की, न कि ईंटों या धातुओं की।
जस्टिस बोबडे : क्या कार्बन डेटिंग की गई थी? क्या आप साबित कर सकते हैं मस्जिद के ऊपर मंदिर बना था?
वैद्यनाथन : खुदाई में मिली वस्तुओं की कार्बन डेटिंग की गई थी।

राजेंद्र सिंह ने भगवान राम के वंशज होने का दावा किया
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष ‘राजा’ राजेंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दाखिल कर यह दावा किया है कि वह भगवान राम के वंशज हैं। सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर राजेंदर सिंह ने कहा है कि वह अवध के राजा रामचंद्र के वंशज हैं।

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