सुशांत के लिए न्याय मांगने वालों में वर्धन पुरी भी शामिल

   

मुंबई, 18 अगस्त । साल 2013 में दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत अभिनीत फिल्म शुद्ध देसी रोमांस में अभिनेता वर्धन पुरी ने सहायक निर्देशक के तौर पर काम किया था। वह चाहते हैं कि सुशांत की मौत की अनसुलझी गुत्थी जल्द ही सुलझा ली जाए।

दिवंगत प्रख्यात अभिनेता अमरीश पुरी के पोते वर्धन ने इंस्टाग्राम पर लिखा है, एसएसआर..सुशांत भाई के बारे में मैं क्या कहूं..उनके निधन के दुख से मैं काफी लंबे समय से जूझ रहा हूं, इसलिए मैं अपने विचार साझा नहीं कर पाया, क्योंकि मैं बहुत ही हैरान था, पूरी तरह से शून्य, टूटे हुए दिल के साथ, लेकिन मुझे लगता है कि अब बोलने का समय आ गया है।

इस नवोदित अभिनेता ने सुशांत के साथ उस दौर की बातों को याद किया, जब वह एक असिस्टेंट डायरेक्टर हुआ करते थे। वर्धन ने कहा, मुझे सुशांत सिंह राजपूत के साथ एक सहायक निर्देशक की हैसियत से एक ऐसी फिल्म में काम करने का सौभाग्य मिला है, जो मेरे दिल के बेहद करीब रही है। उस फिल्म का नाम शुद्ध देसी रोमांस है।

उन्होंने आगे बताया, वह अपने काम के प्रति बेहद समर्पित, बेहद मेहनती और एक बहुत ही ज्यादा पॉजिटिव इंसान थे। उनमें समझ के साथ एक गहराई थी। खुद पर काफी यकीन था। वह अपने शिव शंभू को आध्यात्मिकता के एक उच्च स्तर पर जाकर दिल से काफी मानते थे और वह मुझे भी ऐसा ही करने के लिए प्रेरित किया करते थे। उन्हें न केवल अभिनय से प्रेम था, बल्कि वह अपने परिवार, अपने सपने (जिन्हें वह अकसर लिखा करते थे), ज्योतिष विज्ञान, खगोल विज्ञान, अपने दूरबीन, गांव में रहने वाले लोगों, मटन बिरियानी, मिठाई और ऐसी कितनी ही अनगिनत चीजों से भी काफी ज्यादा प्यार करते थे, जिनके बारे में शायद मैं जानता भी नहीं हूं, लेकिन इन सभी चीजों से बढ़कर वह अपनी मां को सबसे ज्यादा याद करते थे। वह कुछ ऐसे ही थे।

वर्धन ने आगे कहना जारी रखा, कभी-कभी मैं उन्हें देखकर सोचा करता था, हम इंसानों को इस धरती पर जितना समय मिलता है क्या वह इस सीमित समय में अपने इन सभी सपनों को वाकई में हासिल कर पाएंगे? और हैरानी तो तब होती थी जब मैं खुद से कहता था, बिल्कुल कर पाएंगे। उनमें जिस तरह का जोश, उत्साह व समर्पण है, उसे देखते हुए मुझे नहीं लगता कि उन्हें कोई भी चीज रोक पाएगी। वह हासिल कर पाएंगे।

अभिनेता ने यह भी लिखा, आपका दिया हुआ सलाह मुझे आज भी अच्छे से याद है। आपमें जिस तरह का जोश था, वह आपके आसपास मौजूद लोगों में उत्साह का संचार करता था और फिल्म के सफल होने के बाद आपने जिस तरह से मुझे गले लगाया था, उस बात को मैं कभी नहीं भुला सकता। काश! आपके साथ मैं और भी ज्यादा वक्त बिता पाता। मैं उम्मीद और दुआ करता हूं कि इस अद्भुत और दर्दनाक रहस्य को सुलझा लिया जाएगा ।

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