सुशांत मामला : महाराष्ट्र के नेताओं ने कहा, भाजपा की साजिश का हुआ पर्दाफाश

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मुंबई, 3 अक्टूबर । महाराष्ट्र सत्तारूढ़ महा विकास अघाडी (एमवीए) के सहयोगियों ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि एम्स की फॉरेंसिक रिपोर्ट से अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने की साजिश उजागर हुई है।

सूत्रों ने शनिवार को बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के फॉरेंसिक विभाग ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत आत्महत्या थी, न कि हत्या।

राज्य कांग्रेस महासचिव और प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा, मुंबई पुलिस की जांच सही दिशा में रही है। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट भी जांच से संतुष्ट है और अब एम्स की रिपोर्ट ने आत्महत्या की ओर इशारा किया है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रवक्ता महेश तापसे ने उन सभी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग की, जो राज्य सरकार और मुंबई पुलिस को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा थे।

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मांग की कि सीबीआई को अब सुशांत की जांच में अपनी रिपोर्ट पेश करनी चाहिए, जो लंबे समय से चल रही है।

देशमुख ने कहा, जब तक हमें कुछ पता नहीं चल जाता, हम टिप्पणी नहीं करेंगे। हालांकि, लोगों को पता चलना चाहिए कि यह आत्महत्या थी या हत्या।

ड्रग्स मामले के मुख्य आरोपी बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानशिंदे ने कहा, सच्चाई को बदला नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे एम्स के रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई की रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

मानशिंदे ने कहा, मैंने एम्स के डॉक्टरों की रिपोर्ट पर बयान देखे हैं, लेकिन आधिकारिक कागजात सीबीआई और एम्स के पास हैं, जो अदालत के समक्ष पेश किए जाएंगे। हम सीबीआई के आधिकारिक बयान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हम केवल सच के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सावंत ने इस मुद्दे पर राज्य को बदनाम करने पर भाजपा को घेरने के लिए एमवीए सरकार से आग्रह किया है कि वह पूरे प्रकरण के पीछे के मास्टरमाइंड का पदार्फाश करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करे।

राज्य कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने आरोप लगाया कि एम्स के पैनल द्वारा की गई आधिकारिक पुष्टि यह साबित करती है कि मुंबई पुलिस द्वारा की गई जांच सच्ची और ईमानदार थी।

सावंत ने कहा, बिहार विधानसभा चुनाव में सुशांत मामले का उपयोग करने और केंद्र में भाजपा सरकार की विफलताओं को छिपाने के लिए एक बड़ी साजिश रची गई थी। यहां तक कि बिहार पुलिस के तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने भी साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस को बदनाम करने के लिए रातभर में सोशल मीडिया अकाउंट खोले गए।

सावंत ने कहा कि मीडिया के विभिन्न वर्गों ने राज्य सरकार और शहर की पुलिस को बदनाम करने के लिए एक समान एजेंडे का पालन किया, लेकिन अब यह कदम पीछे हट गया है।

उन्होंने कहा कि यह भी स्पष्ट हो चुका है कि यह केंद्र की भाजपा सरकार की अपने नकली मीडिया सहयोगियों की मदद से महाराष्ट्र को बदनाम करने की साजिश थी।

सावंत ने देश में गैर-भाजपा सरकारों को बदनाम करने की भाजपा की रणनीति को लोकतंत्र के लिए खतरनाक करार दिया और कहा कि एसआईटी को जड़ों तक जाना चाहिए और पता लगाना चाहिए कि पूरी साजिश के पीछे असली अपराधी कौन लोग थे।

Disclaimer: This story is auto-generated from IANS service.