सोशल मीडिया पर किसी की आलोचना करना अपराध है?

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नई दिल्ली: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले का आरोप लगाते हुए पत्रकारों और मीडिया संगठनों ने सोमवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में यूपी पुलिस द्वारा प्रशांत कनौजिया और नोएडा स्थित टीवी चैनल के प्रमुख और संपादक की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में से एक गिरफ्तार हुए पत्रकार जगदीश कनौजिया की पत्नी थीं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक आधार याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि उनके पति को गिरफ्तार किया गया था। याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी।

प्रदर्शनकारियों ने काली बांह के बैंड पहने हुए और तख्तियां पकड़े हुए कन्ज़िया, इशिता सिंह और अनुज शुक्ला को रिहा करने की मांग को लेकर मध्य दिल्ली में प्रेस क्लब परिसर से रेल भवन तक एक प्रतीकात्मक मार्च आयोजित किया। मार्च करने वालों में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, भारतीय महिला प्रेस कॉर्प्स, दक्षिण एशियाई महिलाएं मीडिया, प्रेस एसोसिएशन और स्वतंत्र पत्रकार और मीडिया कार्यकर्ता शामिल थे।

वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई और स्तंभकार नीरजा चौधरी कई अन्य लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। चौधरी ने कहा, “यह प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है और हम सभी को एक साथ खड़ा होना चाहिए।”

जगिशा ने आरोप लगाया कि जब पुलिस उसके पति को लेकर भागने लगी, तो उसे न तो पुलिस कार्रवाई के लिए समझाइश दी गई और न ही अदालत का नोटिस दिखाया गया। “मेरे पति को अवैध रूप से हिरासत में लिया जा रहा है। सोशल मीडिया पर किसी की आलोचना करना अपराध है?