आयोग ने हालांकि कहा कि आवासीय स्कूल से दो बच्चों का लापता होना प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाता है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। आसाराम के गुरुकुल (आवासीय विद्यालय) में पढ़ने वाले दो भाईयों दीपेश वाघेला और अभिषेक वाघेला के शव पांच जुलाई 2008 को साबरमती नदी के किनारे मिले थे।
दोनों बच्चे इससे दो दिन पहले स्कूल के हॉस्टल से लापता हो गए थे। आसाराम के आश्रम में बना स्कूल और हॉस्टल नदी किनारे स्थित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बात के कोई सबूत नहीं मिले कि आसाराम और उसके पुत्र नारायण साईं आश्रम में तांत्रिक विधि किया करते थे।
इसमें कहा गया है, गुरुकुल प्रबंधन के साथ-साथ आश्रम के प्राधिकारी भी गुरुकुल हॉस्टल में रह रहे बच्चों के संरक्षक हैं और बच्चों की देखभाल उनका कर्तव्य है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सबूतों में हेरफेर की वजह से आयोग को लगता है कि यह सबकुछ गुरुकुल प्रबंधन की लापरवाही से हुआ।