स्वराज इंडिया लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी

   

अपने सिद्धान्त, “पार्टी से पहले देश” को ध्यान में रखते हुए स्वराज इंडिया ने घोषणा किया है कि वो आगामी लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी। पार्टी ने अपनी संगठनात्मक ऊर्ज़ा जनता से जुड़े असल मुद्दों को चुनावी विमर्श के केंद्र में बनाये रखने पर लगाने का निर्णय लिया है।

9 दिसम्बर, 2018 को घोषित किए गए पार्टी के स्टैंड को दोहराते हुए स्वराज इंडिया अध्यक्ष योगेन्द्र यादव ने कहा, “हम भी अन्य कई पार्टियों की तरह इस चुनाव का उपयोग एक राजनीतिक अवसर के रूप में संगठन बढ़ाने के लिए कर सकते थे। पर हमारा मानना है कि ये कोई साधारण चुनाव नहीं है और यह पार्टी या संगठन के लिए सोचने का वक़्त नहीं है। भारतीय संविधान और लोकतंत्र का भविष्य दाँव पर लगा है। इसलिए हमने निर्णय लिया है कि हम अपनी पूरी ऊर्ज़ा यह सुनिश्चित करने में लगाएँगे कि चुनाव को असल मुद्दों से न भटकाया जा सके। कृषि संकट व युवा बेरोज़गारी जैसे मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से उठाने के बाद हमने चुनावी विमर्श को असल मुद्दों पर लाने के लिए ‘देश मेरा, वोट मेरा, मुद्दा मेरा’ अभियान की शुरूआत की है।”

साथ ही, स्वराज इंडिया ने कुछ ऐसे उम्मीदवारों को समर्थन करने की घोषणा की है, जो वैकल्पिक राजनीति के लिए आशा जगाते हैं।

यह गत अक्टूबर 2018 में स्वराज इंडिया द्वारा पारित राजनीतिक प्रस्ताव के अनुरूप है, जिसमें स्पष्ट कहा गया था कि इन लोकसभा चुनावों में स्वराज इंडिया का प्राथमिक उद्देश्य भाजपा की हार सुनिश्चित करना है परन्तु विपक्षी पार्टियों द्वारा बनाए गए किसी भी गठबंधंन का हिस्सा बने बग़ैर।

प्रस्ताव के अनुरूप ही स्वराज इंडिया ने स्वच्छ व वैकल्पिक राजनीति को सच बनाने के सपने को आगे बढ़ा सकने वाले उम्मीदवारों को समर्थन की घोषणा की है।