हमले के बाद सऊदी अरब में मचा हड़कंप, दहशत में लोग!

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सऊदी अरब ने अन्ततः यह स्वीकार कर लिया है कि यमनी सेना के ड्रोन हमले की वजह से देश के पूरब से पश्चिम की ओर तेल की सप्लाई रुक गयी है।

सऊदी अधिकारियों ने अपने तेल प्रतिष्ठान पर यमन के ड्रोन हमले को पांच घंटे के बाद स्वीकार किया। सऊदी अरब की सुरक्षा संस्था के प्रवक्ता ने बताया है कि सऊदी अरब के तेल के दो प्रतिष्ठानों पर ड्रोन हमला हुआ है इसके साथ ही सऊदी अरब ऊर्जा मंत्री ने भी तेल कंपनी आरामको से संबंधित प्रतिष्ठान में आग लगने की बात कही है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार की सुबह साढ़े छे बजे अद्दवदमी और अफीफ प्रान्तों में आरामको के दो पंपिंग स्टेशनों पर हमला किया गया है। यह दोनों प्रान्त, सऊदी अरब के केन्द्र में स्थित हैं जो राजधानी रियाज़ से 230 और 390 किलोमीटर की दूरी पर हैं। यह दोनों प्रान्त, यमन के सअदा जैसे प्रान्त से 800 से 850 किमी की दूरी पर स्थित हैं।

सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद बिन अब्दुल अज़ीज़ अलफालेह ने भी बताया है कि छे से साढ़े छे बजे सुबह पूरब पश्चिम पाइप लाइन के दो पंपिंग स्टेशनों पर बम लगे ड्रोन विमानों से आक्रमण किया गया जिसके परिणाम स्वरूप आग लग गयी और स्टेशनों को आंशिक रूप से नुक़सान पहुंचा है।

सऊदी अरब के दोनों अधिकारियों ने हमले को हल्का दर्शाने की भरपूर कोशिशि की है। खालिद अलफालेह ने कहा कि सऊदी अरब इस ” कायराना” हमले की आलोचना करता है, यह आतंकवादी हमला और फार्स की खाड़ी में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान पर हालिया हमला केवल सऊदी अरब पर नहीं है बल्कि इस तरह से विश्व की ऊर्जा आपूर्ति और विश्व की अर्थ व्यवस्था को निशाना बनाया गया है।

सऊदी ऊर्जा मंत्री का फार्स की खाड़ी में हालिया हमले वाला बयान वास्तव में सोमवार को यूएई के फुजैरा बंदरगाह के निकट दो सऊदी सहित चार आयल टैंकरों पर हमले के बारे में था। यमन के अलमसीरा टीवी चैनल को नाम गुप्त रखने की शर्त पर एक सैनिक सूत्र ने बताया है कि सात ड्रोन विमानों से सऊदी अरब के तेल प्रतिष्ठानों को निशाना बनया गया।

इसी प्रकार यमन के सूचना मंत्री के सलाहकार फहमी युसुफ ने कहा है कि मंगलवार का हमला, यमनी सेना की ड्रोन युनिट ने किया जो कई संदेश लिये हुए था और सब से अधिक महत्वपूर्ण संदेश यह था कि जिन लोगों के पास कलाशन्कोव के अलावा कोई हथियार नहीं था आज वह एसे ड्रोन बना रहे हैं जो सऊदी गठबंधन के सदस्य देशों में घुस कर हमले कर रहे हैं।