हम सब न्यूज़ीलैंड के मुसलमानों के साथ मजबूती से खड़े हैं- PM जैसिंडा आर्डर्न

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न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री ने साबित किया है कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसे व्यवहार किया जाता है। मस्जिदों पर आतंकी हमलें होने के बाद उनके लगातार व्यवहार दुनिया के सामने एक नज़ीर बनकर पेश हुई । न्यूजीलैंड में दो मस्जिदों पर आतंकी हमले होने के बाद से ही वहां के मुसलमानों में एक खौफ़ का मंजर बन गया था।

न्यूजीलैंड की पीएम ने एक के बाद एक फैसले लेकर वहां के रह रहे मुसलमानों को बड़ी ताक़त दी और एकजुट करने का काम किया। आज दुनिया में जहां अल्पसंख्यकों को लेकर सरकारें सवालों के घेरे में खड़ी हैं, वहीं उन्होंने जो मिसाल पेश किया है, उससे शायद की अल्पसंख्यकों को शिकायत होगी।

सबसे बड़ी बात रही है कि न्यूज़ीलैंड में रह रहे सभी नागरिकों ने अल्पसंख्यकों के साथ दिखें और दुख की घड़ी में ढ़ाल बनकर खड़े दिखें।


पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, क्राइस्टचर्च की मस्जिदों में 15 मार्च 2019 में हुए आतंकवादी हमलों के बाद न्यूज़ीलैंड की मस्जिदों में एक बार फिर भव्य तरीक़े से जुमे की नमाज़ अदा की गई।

प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिस तरह 15 मार्च 2019 न्यूज़ीलैंड के इतिहास में काले दिवस के रूप में याद रखा जाएगा वैसे ही अब शुक्रवार 22 मार्च 2019 का दिन न्यूज़ीलैंड के इतिहास में सुनेहरे अक्षरों में लिखा जाएगा और इसका कारण इस देश की दरिया दिल जनता और न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा आर्डर्न हैं।

क्राइस्टचर्च की मस्जिदों में आतंकी हमले के बाद पहली बार 22 मार्च को क्राइस्टचर्च की अन्नूर मस्जिद सहित इस देश की सभी मस्जिदों में नमाज़े जुमा अदा की गई।

न्यूज़ीलैंड की आतंकवादी हमले की शिकार अन्नूर मस्जिद के सामने हेग्ले पार्क में हज़ारों की संख्या में लोगों ने पहुंचकर एक साथ नमाज़ अदा की। ख़बरों के अनुसार जैसे ही जुमे की नमाज़ के लिए आज़ान हुई वहां मौजूद हर किसी की आंख नम हो गई और आज़ान के समाप्त होते ही दो मिनट के लिए सब ख़ामोश हो गए।

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हेग्ले पार्क में आयोजित जुमे की नमाज़ में न केवल इस देश के मुसलमानों ने भाग लिया बल्कि इस देश के हर धर्म के लोग इस नमाज़ में शामिल हुए और आतंकी हमले में शहीद होने वालों को श्रद्धांजलि दी, साथ ही पूरी दुनिया में आतंकवाद का समर्थन करने वालों को यह संदेश दिया कि हम सब मुसलमानों के साथ हैं।

नमाज़े जुमा के बाद न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा आर्डर्न ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने अपने भाषण का आरंभ पैग़म्बरे इस्लाम (स) की हदीस अर्थात कथन से किया।

प्रधानमंत्री जैसिंडा आर्डर्न ने कहा कि हम एक हैं, मुसलमानों के शोक में बराबर के भागीदार हैं और यह ऐसा समय है कि पूरा न्यूज़ीलैंड शोक में डूबा हुआ है।

22 मार्च 2019 का दिन न्यूज़ीलैंड के लिए इसलिए भी यादगार बन गया क्योंकि जुमे की नमाज़ के लिए होने वाली आज़ान, जुमे का भाषण और नमाज़ इस देश के सरकारी टीवी चैनल से सीधे प्रसारित की गई। इस नमाज़ में शामिल इस देश की प्रधानमंत्री जैसिंडा आर्डर्न सहित सभी ग़ैर मुस्लिम महिलाएं अपने सरों को ढांके हुईं थीं।

उल्लेखनीय है कि न्यूज़ीलैंड की मस्जिदों पर आतंकवादी हमला करने वाला आतंकी ब्रेंटन टैरेंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प का समर्थक है और उसने आतंकी हमले से पहले ट्रम्प की जमकर तारीफ़ की है।

ज्ञात रहे कि शुक्रवार को न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर में दो मस्जिदों पर एक आतंकवादी ने अंधाधुंध फ़ायरिंग करके हमला किया था जिसमें 50 लोग शहीद हुए और 50 के क़रीब घायल हुए हैं।