हम सिर्फ़ शोर और विरोध नहीं, बल्कि सरकार को सार्थक समाधान का पूरा खाका दे रहे हैं: युवा-हल्लाबोल

   

सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार और देशभर में व्याप्त बेरोज़गारी के मुद्दे पर संघर्षरत युवाओं का राष्ट्रीय समन्वय युवा.हल्लाबोल 27 जनवरी को यूथ.सम्मिट का आयोजन कर रहा है।

दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में होने वाले इस समिट में बड़ी संख्या में देश भर से युवा प्रतिनिधि और विभिन्न परीक्षाओं के अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं। परीक्षार्थियों की मांगें सरकारी नौकरी में आकंठ भ्रष्टाचार और अवसरों की कमी को लेकर गठित युवा.हल्लाबोल के साथ साठ से ज़्यादा युवा समूह इक्कट्ठे हो चुके हैं।

परिक्षाओं की हालत यह है कि एसएससीए यूपीएससीए रेलवे भर्तीए शिक्षकए सिपाही भर्ती से लेकर अलग अलग राज्यों के चयन आयोगों तक हर जगह बेरोज़गार युवाओं को छला जा रहा है। सरकारी विभागों में करीब 24 लाख पद खाली हैंए लेकिन नौकरियां निकालने की बजाए सरकारें पदों को ख़त्म कर रही हैं। आज जब देश में युवाओं की सर्वाधिक आबादी हैए शिक्षित बेरोजगारी 16ः पर पहुंच गई है। सरकार के झूठे वायदे और खोखली नीतियों का परिणाम है कि युवा सड़कों पर है।

ऐसे में युवा.हल्लाबोल आंदोलन ने ऐलान कर दिया है कि युवाओं को श्जॉब चाहिएए जुमला नहीं!श् यूथ.समिट में एसएससीए यूपीएससीए डीएसएसएसबीए रेलवेए शिक्षक भर्ती से लेकर पुलिस भर्ती तक अभ्यर्थियों के कई समूह और यूथ फॉर स्वराजए यूनाइटेड अगेंस्ट हेटए युवा शक्ति संगठनए बेरोज़गार सेनाए मिथिला स्टूडेंट्स यूनियनए सुराज्य सेना जैसे कई संगठन युवा.हल्लाबोल के बैनर तले एकजुट हो संघर्ष के लिए कमर कस चुके हैं।

हम बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ सिर्फ़ शोर नहीं मचा रहेए बल्कि समस्या के समाधान के लिए सकारात्मक सुझाव भी दे रहे हैं। रोज़गार के अवसर और ईमानदार परीक्षा प्रणाली से संबंधित मांगपत्र के अलावा हमने एक श्मॉडल कोडश् भी बनाया है कि कोई भी भर्ती प्रक्रिया 9 महीने में पूरी हो सकती है।

देशभर से आए प्रतिनिधियों के बीच चर्चा के बाद यूथ.समिट में युवा आंदोलन की अगली रणनीति और कार्यक्रम की भी घोषणा की जाएगी।