हैदराबाद जहेज़ हैरेसमेंट मामला, अदालत ने पति को दस साल की सज़ा सुनाई

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हैदराबाद: शहर में 2004 में पेश आए एक आत्महत्या मामला में जज ने आज सज़ा सुनाई। एल्बी नगर अदालत के ऐडीशनल जज ने जहेज़ के लिए हिरासाँ करते हुए पत्नीको आत्महत्या करने पर मजबूर करने वाले पति को दस साल क़ैद बामुशक़क़्त सज़ा सुनाई। मेडि पल्ली पुलिस मीडिया से बातचीत करते हुए बताया ज़िला वरंगाल के निवासी 20 वर्षीय सोमेशोरी की 22 वर्षीय बी रामू से 2009 में शादी हुई थी। उनकी ये शादी लव मैरेज थी।

इस के दोनों ने वरंगल से शहर चले गए और मेडि पल्ली इलाक़ा में रहने लगे। पुलिस ने बताया कि शादी से सिर्फ दो साल बाद ही रामू की ओर से जहेज़ के लिए मांग शुरू हो गया। जिस पर सोमेशोरी के माता पिता ने वरंगल में मौजूद अपनी भूमी से एक गंटा भूमी रामू के नाम कर दी और कुछ दिन बाद नक़द रक़म भी अदा करने का वादा किया। इस दौरान सोमेशोरी ने एक लड़की को जन्म दिया। लेकिन रामू की ओर से हैरेसमेंट की सिलसिला बढ़ता ही जा रहा था।

रामू की रोज़ाना हैरेसमेंट से तंग आकर सोमेशोरी ने 24 जनवरी 2014 को फांसी लेकर आत्महत्या करली। पुलिस ने बी रामू को गिरफ़्तार करके उस के ख़िलाफ़ दफ़ा आई पी सी के तहत 304B के में एक मुक़द्दमा दर्ज कर के अदालत में पेश किया था। पुलिस की ओर से इस मामला की चार्ज शीट दाख़िल की गई जिस पर फ़ाज़िल जज ने मुल्ज़िम को दस साल क़ैद की सज़ा-ए-सुना।