महाराष्ट्र के औरंगाबाद में शुक्रवार को रेलवे ट्रैक पर गहरी नींद में सोए मजदूरों की मालगाड़ी से कुचलने के कारण दर्दनाक मौत हो गई।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया। ये सभी मध्यप्रदेश के रहने वाले थे और महाराष्ट्र के जालना की एक कंपनी में काम करते थे।
प्रधानमंत्री ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात हुई वे हालात का जायजा ले रहे हैं। सभी संभव सहायता उपलब्ध कराई गई है।
वहीं कोलकाता की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना पर दुख जताते हुए ट्वीट किया, ‘मालगाड़ी चढ़ने के कारण नींद में सो रहे निर्दोष मजदूरों की मौत से मुझे काफी दुख हुआ है।
पीड़ित के परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। इस दुर्घटना में घायल हुए मजदूरों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।’
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शुक्रवार सुबह रेल दुर्घटना में मारे गए प्रवासी मजदूरों की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट कर अपनी संवेदना जाहिर की और कहा, ‘औरंगाबाद रेल दुर्घटना में मजदूरों की मौत से हुए दुख को व्यक्त करना शब्दों से परे है।
उनके शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। इसमें घायल मजदूरों के लिए शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।’
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘मालगाड़ी से कुचले जाने से मजदूर भाई-बहनों के मारे जाने की खबर से स्तब्ध हूं।
हमें अपने राष्ट्र निर्माणकर्ताओं के साथ किए जा रहे व्यवहार पर शर्म आनी चाहिए। मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मृत प्रवासी मज़दूरों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की और ट्वीट कर कहा, ‘ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और मृत परिवारों को पर्याप्त मुआवज़ा दिया जाए।’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। मध्यप्रदेश सरकार ने क्या इन प्रवासी मज़दूरों का पंजीयन किया था? यदि किया था तो उन्हें वापस लाने का क्या इंतज़ाम किया गया? शिवराज जवाब दो।
शर्म आनी चाहिए। रोज़ मीडिया के सामने जा कर बयान देने के बजाय कुछ कर के दिखाएं।’मध्य प्रदेश के प्रवासी मजदूरों की मौत को लेकर मध्य प्रदेश सरकार पर सवाल उठाया और कहा की भारी भरकम प्रवासी मज़दूरों के हित की योजना का क्या हुआ?