गुजरात में 14 महीने के बच्चे की कोरोना वायरस से मौत!

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गुजरात के जामनगर जिले में कोरोना पॉजिटिव पाए गए 14 महीने के शिशु की मंगलवार को मौत हो गई। स्थानीय अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।

 

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, बीते रविवार को शिशु की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। डॉक्टरों के मुताबिक, शिशु के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था जिससे उसकी मौत हो गई।

 

जांच में पता चला था कि शिशु के पिता मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और मजदूरी करते हैं, उनके विदेश यात्रा का कोई इतिहास नहीं है।

 

इस मामले के सामने आते ही स्वास्थ्य अधिकारी यह पता लगाने में जुट गए हैं कि किसके संपर्क में आने से बच्चे को संक्रमण हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि शिशु की मंगलवार की शाम जामनगर के सरकारी अस्पताल में मौत हुई। उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

 

शिशु की रिपोर्ट दो दिन पहले पॉजिटिव आई थी, उसके बाद से ही कई अंगों के काम बंद करने की वजह से उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। यह शिशु गुजरात में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाला सबसे कम उम्र का मरीज था। बता दें कि प्रदेश में कोरोना के कारण अब तक 16 मौत हो चुकी हैं।

 

अधिकारियों ने बताया कि बच्चे के माता पिता दरेड़ गांव के जिस क्षेत्र में रहते हैं उसे पूरी तरह बंद कर दिया गया है। जामनगर में कोरोना वायरस संक्रमण का यह पहला मामला है। स्वास्थ्य विभाग अब यह पता लगाने का प्रयास कर रहा है कि किसके संपर्क में आने से बच्चे को संक्रमण हुआ।

 

जामनगर के कलेक्टर रवि शंकर ने कहा कि चूंकि बच्चे के माता—पिता सामान्य मजदूर हैं और उन्होंने हाल फिलहाल में कोई विदेश यात्रा नहीं की थी इसलिए स्वास्थ्य अधिकारी संक्रमण के स्रोत का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

 

कलेक्टर ने कहा कि बच्चा उत्तर प्रदेश के एक मजदूर दंपति का बेटा है। वे जामनगर शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थित दरेड़ औद्योगिक क्षेत्र में रहते हैं और कारखाने में मजदूरी करते हैं। वे बहुत समय से क्षेत्र से बाहर नहीं गए इसके बावजूद उनके 14 महीने का बेटा कोरोना वायरस से संक्रमित हो गया।

 

शंकर ने बताया कि बच्चे की हालत बिगड़ने के बाद उसके माता पिता उसे शनिवार को सरकारी अस्पताल लेकर आए थे। रविवार को बच्चे के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई।

 

शंकर ने कहा कि बच्चे का इलाज चल रहा है। उसके माता पिता में कोई लक्षण नहीं हैं फिर भी उन्हें पृथक-वास में रखा गया है।