20 इस्लामिक देशों ने तीन तलाक को बैन किया है तो भारत क्यों नहीं कर सकता?- मोदी सरकार

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कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में कहा कि तीन तलाक के मामले में सदन की आवाज खामोश नहीं रहेगी, मेरे लोकसभा में चुने जाने से एक आवाज खामोश हो गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले को सियासी चश्मे से नहीं, धर्म और सियासत से नहीं, इंसाफ और इंसानियत से देखा जाना चाहिए।

प्रसाद ने कहा कि यह नारी न्याय और नारी सम्मान का मामला है। उन्होंने कहा कि पहले जब हम इस बिल को लेकर आए थे तब कुछ आशंकाएं थी, उन्हें अब मिटाया गया है।

अब पीड़ित और उसके रिश्तेदार ही केस कर सकते हैं, बेल के लिए मजिस्ट्रेट को अधिकार दिए हैं लेकिन पीड़ित के सुनवाई के बाद ही ऐसा हो सकता है। उन्होंने सदन से एक सुर में इस बिल को पास करने की अपील की।

आज तक पर छपी खबर के अनुसार, रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल पर बोलते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि क्या मुस्लिम बहनों को ऐसी हालत में अकेला छोड़ देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि दुनिया के 20 इस्लामिक देशों ने तीन तलाक को बैन किया है तो भारत क्यों नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट इसे गलत बता चुका है, कानून बनाने का आदेश भी दिया है, अब क्या कोर्ट के फैसले को पीड़ित बहने घर में टांगे, कोई कार्रवाई नहीं होगी।

प्रसाद ने कहा कि भारत के संविधान में लैंगिक न्याय एक मूल दर्शन है और किसी समाज की महिलाओं को न्याय मिलना चाहिए। कानून मंत्री ने कहा कि सरकार के लिए लैंगिक न्याय एक अहम मुद्दा है और इसके लिए कई कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।