2019 लोकसभा चुनाव: टिकटों के बंटवारे को लेकर बीजेपी में घमासान!

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हिमाचल भाजपा में टिकटों के लिए घमासान बढ़ गया है। टिकट देने में उपेक्षा की गई तो कई नेता बागी होने को भी तैयार बैठे हैं। बस उन्हें टिकट आवंटन का ही इंतजार है।

अभी तक हमीरपुर से अनुराग ठाकुर का टिकट ही सुरक्षित माना जा रहा था, लेकिन अब इस सीट से भी पूर्व सांसद सुरेश चंदेल टिकट मांग रहे हैं। उन्होंने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। उनकी कांग्रेस नेताओं से मुलाकात होने के भी चर्चे हैं, जिससे भाजपा की चिंता बढ़ गई है।

दूसरी ओर शिमला सीट से टिकट मांग रहे भाजपा के चुनाव प्रकोष्ठ के संयोजक एचएन कश्यप ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर अपना दावा पेश कर दिया है।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, सोमवार को हमीरपुर से ही भाजपा के सांसद रह चुके सुरेश चंदेल ने कहा है कि वह नई दिल्ली में ही हैं। वह वहां केंद्रीय नेताओं के समक्ष अपना पक्ष रख रहे हैं और अपने लिए टिकट मांग रहे हैं।

सुरेश चंदेल लोकसभा में मुख्य सचेतक अनुराग ठाकुर के स्थान पर अपने लिए टिकट मांग रहे हैं। हालांकि, अनुराग ठाकुर का टिकट अभी तक पक्का माना जा रहा है। इसके बावजूद भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य सुरेश चंदेल टिकट झटकने की आस में हैं।

उनके दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के भी संपर्क में होने की चर्चा के बाद भाजपा की चिंता बढ़ गई है। दूसरी ओर शिमला संसदीय सीट से टिकट मांग रहे सेवानिवृत्त एचएएसअधिकारी एचएन कश्यप ने अमित शाह को पत्र लिखकर उनसे मिलने का समय मांगा है, जिससे वह अपनी स्थिति स्पष्ट कर पाएं।

2004 के चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी रह चुके एचएन कश्यप ने अमित शाह को लिखा है कि 2009 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया। उन्हें यह भी कहा गया कि 2014 में टिकट दिया जाएगा, मगर तब भी उनकी उपेक्षा हुई।

इसके बाद पार्टी नेताओं के आश्वासन के बावजूद विधानसभा चुनाव मेें भी उन्हें टिकट नहीं मिला। वह इस सीट के तहत आने वाले सभी 17 विधानसभा हलकों का दौरा कर चुके हैं। उनके बारे में सर्वे रिपोर्ट प्राप्त कर यह मालूम किया जा सकता है कि उनका इस निर्वाचन हलके में अच्छा जनाधार है।

मंडी से रामस्वरूप शर्मा का पत्ता काटकर पंडित सुखराम अपने पोते आश्रय शर्मा के लिए टिकट झटकने को दिल्ली में पहले से ही लॉबिंग में जुटे हैं।

आश्रय शर्मा ने भी सोमवार को अपने दादा पंडित सुखराम के साथ नई दिल्ली में कुछ केंद्रीय नेताओं से भेंट की। इसकी पुष्टि करते हुए आश्रय ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उन्होंने किन नेताओं से भेंट की।