2019 लोकसभा चुनाव: बीजेपी के लिए राम मंदिर त कांग्रेस ने चुना किसानों का मुद्दा!

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मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पंजाब में किसानों की कर्जमाफी के जरिए उन्हें पार्टी से जोड़ कर कांग्रेस का पूरा फोकस मोदी मैजिक की धार को कुंद करना है। इसी के चलते आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस अपने चुनावी एजैंडे में मंदिर-मस्जिद जैसे मुद्दों को हाशिए पर धकेल कर अब किसानों को ही प्रमुखता से अपने एजैंडे में लाने की योजना बना रही है।

यही नहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में इस रणनीति पर काम शुरू भी हो गया है। कांग्रेस का मानना है कि किसान और युवा ही थे जिनके बल पर भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जबरदस्त फतह हासिल की थी।देश में विशुद्ध रूप से कुल किसान-25.90 करोड़

कांग्रेस ने किसानों की अहमियत को गुजरात विधानसभा चुनाव के वक्त ही समझा। भले ही गुजरात में कांग्रेस की सरकार नहीं बनी लेकिन उसके बाद कर्नाटक फिर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान इन तीनों प्रदेशों में युवाओं और किसानों ने ही कांग्रेस की मदद की, ऐसा शीर्ष कांग्रेस नेताओं का मानना है।

कांग्रेस इस अभियान की शुरूआत फरवरी में बनारस से किसान सम्मान यात्रा निकाल कर करेगी। इस किसान सम्मान यात्रा से पहले बनारस में 18 जनवरी को किसान कांग्रेस सैल के नेताओं का जमावड़ा होना है।

इस सिलसिले में किसान कांग्रेस सैल के राष्ट्रीय पदाधिकारी दो दिन तक बनारस रह कर किसानों से मिल चुके हैं। ये 6 जनवरी को पुन: बनारस लौटेंगे। कांग्रेस की रणनीति है कि वह अपने फ्रंटल संगठनों के माध्यम से लोकसभा चुनाव तक पूरे देश को मथ ले ताकि किसानों को पार्टी से जोड़ा जाए।

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वाराणसी: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पंजाब में किसानों की कर्जमाफी के जरिए उन्हें पार्टी से जोड़ कर कांग्रेस का पूरा फोकस मोदी मैजिक की धार को कुंद करना है। इसी के चलते आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस अपने चुनावी एजैंडे में मंदिर-मस्जिद जैसे मुद्दों को हाशिए पर धकेल कर अब किसानों को ही प्रमुखता से अपने एजैंडे में लाने की योजना बना रही है। यही नहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में इस रणनीति पर काम शुरू भी हो गया है। कांग्रेस का मानना है कि किसान और युवा ही थे जिनके बल पर भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जबरदस्त फतह हासिल की थी।देश में विशुद्ध रूप से कुल किसान-25.90 करोड़

कांग्रेस ने किसानों की अहमियत को गुजरात विधानसभा चुनाव के वक्त ही समझा। भले ही गुजरात में कांग्रेस की सरकार नहीं बनी लेकिन उसके बाद कर्नाटक फिर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान इन तीनों प्रदेशों में युवाओं और किसानों ने ही कांग्रेस की मदद की, ऐसा शीर्ष कांग्रेस नेताओं का मानना है।

कांग्रेस इस अभियान की शुरूआत फरवरी में बनारस से किसान सम्मान यात्रा निकाल कर करेगी। इस किसान सम्मान यात्रा से पहले बनारस में 18 जनवरी को किसान कांग्रेस सैल के नेताओं का जमावड़ा होना है। इस सिलसिले में किसान कांग्रेस सैल के राष्ट्रीय पदाधिकारी दो दिन तक बनारस रह कर किसानों से मिल चुके हैं। ये 6 जनवरी को पुन: बनारस लौटेंगे। कांग्रेस की रणनीति है कि वह अपने फ्रंटल संगठनों के माध्यम से लोकसभा चुनाव तक पूरे देश को मथ ले ताकि किसानों को पार्टी से जोड़ा जाए।

कांग्रेस अध्यक्ष 9 जनवरी को राजधानी जयपुर में कांग्रेस की किसान रैली को संबोधित करेंगे। रैली में प्रदेश भर से किसानों को लाया जाएगा। राहुल की इस रैली को धन्यवाद रैली का रूप दिया जा रहा है। रैली के जरिए राहुल केंद्र सरकार से किसानों का कर्ज माफ करने की मांग करेंगे। वहीं राजस्थान में किसानों की कर्ज माफी को उपलब्धि के तौर पर पेश करेंगे। कांग्रेस की इस रैली से लोकसभा चुनाव की तैयारियों का आगाज होगा।

इतना ही नहीं, 2014 के बाद के जितने भी विधानसभा चुनाव हुए लगभग सभी में भाजपा ने इन्हीं 2 वर्गों के सहारे जीत हासिल की। बता दें कि एक तरफ कांग्रेस की युवा टीम देश भ्रमण पर निकली है तो इसके समाप्त होते ही किसान यात्रा निकलेगी जिसे किसान सम्मान यात्रा नाम दिया गया है।

साभार- ‘पंजाब केसरी’