भारत में वित्त वर्ष 2018-19 में भी अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का बजट 4700 करोड़ रुपये रखा गया था। इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 में मंत्रालय के लिए 4197 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत की केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए पेश बजट में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के आवंटन में कोई बढ़ोतरी नहीं करते हुए पिछली बार की तरह इस बार भी 4700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए बजट के अनुसार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के लिए 4700 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
आपको बता दें कि, इससे पहले 2018-19 के आम बजट में मंत्रालय के लिए आवंटन में 505 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी कर 4700 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था।
उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2017-18 में भारत के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के लिए 4197 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में 3800 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे। मालूम हो कि वित्त वर्ष 2014-15 में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को 3,711 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था।
वित्त वर्ष 2015-16 में इसे बढ़ाकर 3,713 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था। इस बीच अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के आवंटित बजट को लेकर कई भारतीय मुस्लिम संगठनों ने चिंता व्यक्त की है।
मुस्लिम संगठनों का कहना है कि नरेंद्र मोदी का 2019 के आम चुनाव में नारा था, “सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास” और देश की जनता ने इस नारे पर विश्वास जताते हुए मोदी को एक बार फिर दिल्ली की सत्ता में पहुंचाया है, लेकिन संसद में 2019-20 का जो बजट पेश किया गया है उससे लगता है न सबका विकास होगा और विश्वास तो आए दिन हो रही मॉब लिंचिंग से उठ ही गया है