2019 लोकसभा चुनाव: घोषणापत्र के लिए कांग्रेस लेगी जनता की राय, बनाई गई कमेटी!

,

   

देशभर के लोगों से बातचीत के आधार पर कांग्रेस अपना लोकसभा चुनाव का घोषणा पत्र तैयार कर रही है। राहुल गांधी खुद भी इसके लिए कई प्रदेशों में जाकर लोगों से मुलाकात कर चुके हैं। उनके इस काम में उनकी टीम के सदस्य भी अलग-अलग प्रदेशों में जाकर वहां की समस्याएं आैर मांगों से रुबरू हो रहे हैं।

कांग्रेस ने इसे जनआवाज नाम दिया है। शनिवार को रायपुर में अलग-अलग सामाजिक संगठनों, नेताआें आैर पत्रकारों से भी रायशुमारी की गई। एआईसीसी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणा पत्र की तैयारी शुरू कर दी है।

पी. चिदम्बरम की अध्यक्षता में एक घोषणापत्र समिति का गठन किया गया है। समिति के सदस्य पूरे देश का दौरा कर कांग्रेस के घोषणा पत्र में लोगों की आवाज़ और उनकी मांगों और जरूरतों की जानकारी एकत्रित कर शामिल करेंगे।

दरअसल छत्तीसगढ़ में बनाए जनघोषणा पत्र को मिली सफलता को देखते हुए अब पूरे देश में जनसंवाद कर कांग्रेस 2019 का घोषणा पत्र तैयार करेगी। रायपुर में हुई बैठक की जानकारी देते हुए सीडब्ल्यूसी मेंबर ताम्रध्वज साहू ने बताया कि राहुल गांधी की मंशा के अनुरूप यह कवायद की जा रही है।

उन्होंने जनता की आवाज को बुलंद करने के लिए ही इसका नाम जनसंवाद रखा है। उन्होंने बताया कि सभी लोगों से चर्चा कर जन घोषणा पत्र तैयार किया जायेगा। पहले फेज में राइट टू हेल्थ पर लोगों ने अपने विचार रखे जिसमें गांवों में छोटी-छोटी क्लीनिक खोले जाने का सुझाव भी आया है।

इसके अलावा आयुष्मान जैसी कई उपयोगी योजनाआें के क्रियान्वयन पर भी जोर दिया गया। जनआवाज के माध्यम से, कांग्रेस समाज के एक व्यापक क्रॉस-सेक्शन से विचार और सुझाव प्राप्त करना चाहती है और इस उद्देश्य की खोज में देश भर में 150 से अधिक परामर्श आयोजित करने की योजना है।

बैठक में प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, कोल्लम जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुश्री बिंदू कृष्ण एआईसीसी के कोआर्डिनेटर अमोद देशमुख,के. राजू के अलावा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेता आैर मंत्री मौजूद रहे।

अक्टूबर के बाद से, घोषणापत्र समिति के 20 कार्य समूह पूरे देश में सार्वजनिक बैठक कर जनआवाज कार्यक्रम कर रहे हैं। शनिवार के कार्यक्रम में विभिन्न हितधारक समूहों (आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, डॉक्टरों के एसोसिएशन, शिक्षाविदों, कार्यकर्ता, नौकरशाहों सहित) के 100 से अधिक प्रतिभागी चर्चा में शामिल हुए और नेताओं को अपने इनपुट दिए।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के खराब कामकाज, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के क्रियान्वयन, भुखमरी से होने वाली मौतों और स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा के निजीकरण, आयुष्मान भारत मिशन के साथ समस्याओं आदि से कई मुद्दों पर चर्चा की गई।

साभार- ‘दैनिक भास्कर’