दिल्ली हिंसा में 22 लोगों की मौत, 200 से ज्यादा ज़ख्मी!

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उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून पर हुई हिंसा में अब तक 22 लोगों की जान चली गई है। दंगाइयों को देखकर गोली मारने के आदेश दे दिए गए हैं।

 

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, उत्तर पूर्व दिल्ली के कई क्षेत्रों से पत्थरबाजी, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आने के बाद अब एहतियात के तौर पर दिल्ली में जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर और चांदबाग इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है और लोगों को बेवजह बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी गई है।

 

इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने आज होने वाले अपने त्रिवेंद्रम दौरे को रद्द कर दिया है। हिंसा के माहौल के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपील की है कि दिल्ली में हिंसा प्रभावित इलाकों में सेना की तैनाती होनी चाहिए।

 

यहां सीएए समर्थकों व विरोधियों के बीच हुई हिंसा और तनाव की स्थिति को दिल्ली पुलिस संभाल नहीं पा रही है, इसलिए यहां सेना को तैनात करने की जरूरत है।

 

आम आदमी पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी पर हिंसा को भड़काने का आरोप जड़ दिया है। संजय सिंह ने कहा है कि बीजेपी के विधायक सड़कों पर लोगों को भड़का रहे हैं और पुलिस कोई एक्शन नहीं ले रही है।

 

वहीं, AAP नेता गोपाल राय बोले कि पुलिस की ओर से एक्शन नहीं लिया जा रहा है, इसके अलावा मंगलवार को कुछ जवान बढ़ाए गए लेकिन फिर भी आगजनी की घटनाएं नहीं रुकी।

 

दिल्ली हिंसा पीड़ितों से अगर उनके परिजन संपर्क नहीं कर पा रहे हैं तो उनके लिए पुलिस ने कुछ नंबर जारी किए हैं। हिंसा पीड़ितों के बारे में जानने के लिए इन नंबरों पर फोन कर उनके परिजन जानकारी ले सकते हैं।

 

इससे पहले मंगलवार देर रात भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने सीलमपुर में स्थिति का जायजा लिया और पुलिस के कई आला अफसरों के साथ बैठक ली।

 

पुलिस अधिकारियों के साथ डोभाल ने हालात का जायजा लिया। बैठक में उनके साथ पुलिस कमिश्नर, संयुक्त सीपी, डीसीपी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

 

अजित डोभाल रात करीब साढ़े 11 बजे सीलमपुर डीसीपी ऑफिस पहुंचे और साढ़े 12 बजे तक बैठक के बाद करीब 8 किलोमीटर का सफर करते हुए तनावपूर्ण इलाकों का दौरा किया।