मध्यप्रदेश हनी ट्रैप केस: सीनियर अधिकारी और प्रभावशाली लोगों के फंसने का शक!

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मध्यप्रदेश पुलिस के हत्थे चढ़े ‘हनी ट्रैप’ (मोहपाश) गिरोह के जाल में राजनेताओं और आला सरकारी अधिकारियों समेत कई प्रभावशाली लोगों के फंसने का संदेह है। पुलिस ने इस मामले में गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह लोगों को इंदौर और भोपाल से गिरफ्तार किया है।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, मामले की जांच से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम जाहिर न किये जाने की शर्त पर शनिवार को को बताया, ‘आरोपियों से बरामद ऑडियो-वीडियो सामग्री और उनसे पूछताछ के आधार पर हमें संदेह है कि गिरोह पिछले एक दशक में कई लोगों को मोहपाश में फंसा चुका है।’

पुलिस अधिकारी ने विशिष्ट जानकारी दिए बगैर तस्दीक की कि गिरोह के शिकार लोगों में राजनेता और आला सरकारी अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग भोपाल से ताल्लुक रखते हैं।

उन्होंने आरोपों के हवाले से बताया कि गिरोह खासकर सत्ता प्रतिष्ठानों में बैठे लोगों और नौकरशाहों को महिलाओं के जरिये जाल में फांसता था। फिर खुफिया कैमरों से उनके अंतरंग पलों के वीडियो बनाकर इस आपत्तिजनक सामग्री के बूते उनसे धन उगाही करता था।

अधिकारी ने बताया कि गिरोह के खिलाफ इस पहलू पर भी जांच की जा रही है कि क्या उसने निजी पलों के वीडियो के जरिये रसूखदारों को धमका कर कुछ गैर सरकारी संगठनों को शासकीय ठेके दिलाए हैं।

गौरतलब है कि पुलिस ने इंदौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर जांच के बाद गुरुवार को हनी ट्रैप गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था। पुलिस ने गिरोह के छह गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 14 लाख रुपये नकद, महंगी गाड़ी, पेन ड्राइव, मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि सामान बरामद किया है।

इस बीच, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रुचिवर्धन मिश्रा ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से बरामद उपकरणों को जांच के लिए अपराध विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जा रहा है।

इन उपकरणों से डिलीट कर दिए गए डाटा को तकनीक के जानकारों की मदद से दोबारा हासिल करने की कोशिश भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि लोगों को मोहपाश में फांसने के लिए इस्तेमाल होटलों के अलावा, आरोपियों की पृष्ठभूमि, उनके संपर्कों और बैंक खातों के बारे में विस्तृत जांच की जा रही है।

मामले में पुलिस पर दबाव, सीबीआई से कराई जाए जांच : भाजपा
मध्यप्रदेश के रसूखदार लोगों को मोहपाश में फांसने वाले गिरोह के खुलासे के बाद राज्य के प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने सूबे की कमलनाथ सरकार पर शनिवार को निशाना साधा और आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव के कारण पुलिस को इस मामले की निष्पक्ष जांच में परेशानी हो रही है।

राज्य के पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा, ‘हमें लग रहा है कि राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस को ‘हनी ट्रैप’ (मोहपाश) मामले की निष्पक्ष जांच में कठिनाई हो रही है। लिहाजा या तो कमलनाथ सरकार इस मामले की तहकीकात सीबीआई को सौंपे या विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करे।’

सागर जिले के खुरई क्षेत्र से भाजपा विधायक ने कहा, ‘इस मामले की जांच के दौरान पुलिस के सामने कई राजनेताओं और नौकरशाहों के नाम भी सामने आये हैं। खबरों के मुताबिक ‘हनी ट्रैप’ गिरोह के कहने पर तीन जिलाधिकारियों की पोस्टिंग भी की गई थी।’

सिंह ने कहा, ‘इस गंभीर मामले की पूरी सचाई सबके सामने आनी चाहिए, क्योंकि संबंधित गिरोह के जरिये पूरे सरकारी तंत्र को भ्रष्ट करने का बड़ा प्रयास किया गया है। गिरोह के जाल में फंसे सभी राजनेताओं के नाम भी उजागर किए जाने चाहिए, चाहे वे भाजपा से ताल्लुक रखते हों या कांग्रेस से।’

कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने के लिए हनी ट्रैप गिरोह के भाजपा के इशारे पर काम करने को लेकर कांग्रेस नेताओं के आरोपों पर सिंह ने पलटवार किया।

उन्होंने कहा, ‘क्या इन आरोपों का यह मतलब हुआ कि कांग्रेस के विधायकों का चरित्र ऐसा है कि वे हनी ट्रैप में फंसकर सत्तापलट के किसी षड़यंत्र के शिकार हो सकते हैं? कांग्रेस के नेता अपनी ही पार्टी के लोगों के चरित्र पर सवालिया निशान लगा रहे हैं।’