कोटा में फंसे यूपी के दस हजार छात्रों को वापस घर पहुचाया गया , अभी रहेंगे क्वारंटाइन

   

कोटा में लॉकडाउन के कारण फंसे उत्तर प्रदेश के 10 हजार छात्रों को लेकर यूपी रोडवेज की 300 और राजस्थान रोडवेज की 100 बसें शनिवार को झांसी और आगरा पहुंचीं। यहां इन बसों में सवार सभी छात्रों की सघन जांच की गई। जांच के बाद छात्रों को यूपी परिवहन निगम की बसों से उनके गृह जिलों को रवाना कर दिया गया। कोटा से अपने जिलों में पहुंचे छात्रों को प्रारंभिक जांच के बाद फिलहाल क्वारंटीन किया गया है। सभी छात्रों की रैपिड जांच की तैयारी की जा रही है। जांच  निगेटिव आने के बाद ही इन छात्रों को उनके घर भेजा जाएगा।

छात्रों को लाने के लिए झाँसी डिपो से 100 और आगरा डिपो से 200 बसें भेजी गई थीं। शनिवार सुबह से लेकर रात तक झांसी पहुंचने वाली लगभग 100 बसों में तकरीबन 3500 छात्र पहुंचे। जिला प्रशासन ने शहर के तीन कालेजों में बसों को रुकवाकर छात्रों की स्क्रीनिंग के साथ उनके खानपान का प्रबंध किया। इसके लिए ये छात्र करीब छह घंटे यहाँ रुके। जांच के बाद प्रदेश की रोडवेज बसें छात्रों के साथ पूर्वांचल के विभिन्न ज़िलों के लिए रवाना की गईं। इन छात्रों को फिलहाल घर में ही क्वारंटीन रहने के लिए कहा गया है। झाँसी जिला प्रशासन ने इन छात्रों के नाम व पते से सम्बंधित जिला प्रशासन को भेज दिए हैं जहाँ ये छात्र भेजे गए हैं।

 

इसी तरह आगरा डिपो की 200 बसें छात्रों को लेकर आगरा पहुंचीं। वहां भी छात्रों की करीब 6 घण्टे तक स्क्रीनिंग हुई। उसके बाद रोडवेज की बसों से उन्हें देर रात पश्चिम, ब्रज, और अवध के ज़िलों के लिए रवाना कर दिया गया। इन पर निगरानी रखने की ज़िम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी, जहाँ ये छात्र भेजे गए हैं।


उध ,कोटा के जनसंपर्क उप निदेशक हरिओम गुर्जर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें आश्वस्त किया है कि कमी पड़ने पर और बसों का इंतजाम किया जाएगा। इस कवायद की निगरानी कर रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश मिल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि लगभग तीन हजार छात्रों को लेकर 100 बसें शनिवार तड़के उत्तर प्रदेश रवाना हो गईं। उन्होंने कहा कि इस सूची में शामिल छात्रों को भेजने की प्रक्रिया जारी है।

 

प्रयागराज मंडल के 317 बच्चे 11 बसों से यहां पहुचे।  इन बच्चों को शुरुआती जांच के बाद शहर के विभिन्न गेस्ट हाउस में क्वारंटीन किया गया है। सीएमओ ने बताया कि इनकी रैपिड जांच के लिए किट लखनऊ से मंगवाई गई है। रिपोर्ट निगेटिव आई तो इन्हें इनके घर भेजा जाएगा। कोटा में फंसे बांदा और चित्रकूट के बच्चों को लेकर रोडवेज की दो बसें शनिवार देर शाम बांदा पहुंचीं। पहली बस ने चित्रकूट के 35 बच्चों को घर पहुंचाया तो दूसरी बस बांदा के 21  बच्चों को लेकर आई।जौनपुर और आसपास के वापस आए  छात्रों को  बदलापुर-मछलीशहर में रोका जाएगा।  193 छात्र-छात्राएं  शनिवार देर रात  यहां पहुंचेंगे।

जांच के बाद निगेटिव रिपोर्ट आने पर होम क्वारंटीन किया जाएगा:
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. रामजी पांडेय ने बताया कि बस से आये छात्र-छात्राओं का रैपिड टेस्ट किया जाएगा। यदि टेस्ट में निगेटिव आता है तो उनको घर पर होम क्वारंटीन के लिए भेजा जायेगा। वे 14 दिन तक होम क्वारंटीन में रहेंगे। अगर उनमें पाजिटिव के लक्षण दिखेंगे तो उन्हें रोक लिया जायेगा। उनका सैंपल जांच के लिए बीएचयू भेजा जाएगा।

मायावती ने उप्र सरकार के फैसले का स्वागत किया
 उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राजस्थान के कोटा में फंसे राज्य के छात्रों को वापस लाने के लिये बसें भेजने के फैसले का शनिवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने स्वागत किया और साथ ही यह भी मांग की कि ऐसे ही कदम उन मजदूरों के लिये भी उठायें जायें जो अपने घरों से दूर फंसे हुये हैं।  शनिवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया, ”कोचिंग पढ़ने वाले लगभग 7,500 युवकों को लॉकडाउन से निकालने व उन्हें सुरक्षित घरो में भेजने के लिए यूपी सरकार ने, काफी बसें कोटा, राजस्थान भेजी है। यह स्वागत योग्य कदम है। बीएसपी इसकी सराहना भी करती है। उन्होंने ट्वीट में कहा, ”लेकिन सरकार से यह भी आग्रह है कि वह ऐसी चिन्ता यहां के उन लाखों ग़रीब प्रवासी मज़दूर परिवारों के लिए भी ज़रूर दिखाये, जिन्हें अभी तक उनके घर से दूर नारकीय जीवन जीने को मजबूर किया जा रहा है।  उत्तरप्रदेश सरकार के इस कदम का राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी स्वागत करते हुए कहा कि अन्य राज्यों के छात्र जो यहां कोचिंग पढ़ने के लिये आये थे और लॉकडाउन के कारण फंस गये हैं उन्हें भी अपने अपने घर ले जाने का प्रयास करें।