370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर यूनियन टेरिटरी बना, जानें राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में क्या है अंतर

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नरेंद्र मोदी सरकार के गृह मंत्री अमित शाह सोमवार 5 अगस्त को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए संसद में संकल्प पेश किया और राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दे दी. जम्मू-कश्मीर को राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है. साथ ही इसका विभाजन भी कर दिया है और लद्दाख को अलग कर दिया गया है. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के लोगों को मिला विशेषाधिकार खत्म हो गया और वहां एक नई उम्मीद पनपने की कोशिश की एक झलक दिखने लगी है जिसमें लोग चैन सुकून से रह सकेंगे. मोदी सरकार के इस फैसले का जहां जम्मू-कश्मीर की प्रमुख पार्टियां और उनके नेता विरोध करते हुए लोकतंत्र के खात्मे का आरोप लगा रहे हैं. वहीं एनडीए के सहयोगी दलों के साथ ही आम आदमी पार्टी, बीएसपी, बीजेडी समेत कई और विपक्षी दलों ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है. हालांकि बिहार में बीजेपी की सहयोगी जेडीयू ने सरकार के इस फैसला का विरोध किया है.

जानें राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में क्या है अंतर

राज्य के पास एक अलग सरकार होती है. इसके विपरीत केंद्र शासित प्रदेश एक छोटी प्रशासनिक इकाई है जो कि संघ यानी केंद्र सरकार द्वारा शासित है. भारत दक्षिण एशिया के सबसे बड़े देशों में से एक है और यहां लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था है. भारत में लोकतांत्रिक शक्ति केंद्र और विभिन्न इकाइयों के बीच बांटी गई है. जब देश के प्रशासनिक प्रभागों की बात आती है तो तेलंगाना को शामिल किए जाने के बाद कुल 29 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेश हैं. भारत में सभी राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों यानी पुडुचेरी और दिल्ली में निर्वाचित विधायिका और सरकार हैं. बाकी केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्र सरकार द्वारा सीधे नियंत्रित और प्रशासित किया जाता है. इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आगे जिलों में वर्गीकृत किया गया है, जिन्हें तहसीलों में विभाजित किया गया है.

राज्य में अपनी चुनी हुई सरकार होती है. केंद्र शासित प्रदेश केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित और प्रशासित है. राज्य के प्रमुख राज्यपाल होते हैं और केंद्र शासित राज्य के प्रमुख राष्ट्रपति बोते हैं. राज्य में मुख्यमंत्री होता है जो लोगों द्वारा चुना जाता है. राज्य बड़े क्षेत्र में फैला होता है और केंद्र शासित राज्य छोटे क्षेत्र में. केंद्र शासित राज्य में राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त प्रशासक होता है. दिल्ली और पुडुचेरी जैसे बड़े केंद्र शासित प्रदेशों में लेफ्टिनेंट गवर्नर होते हैं. दिल्ली में अनिल बैजल और पुडुचेरी में किरण बेदी लेफ्टिनेंट गवर्नर हैं.