एक सर्वे की माने तो देश में दो में से एक पुलिस कर्मी को लगता है मुस्लिमों का अपराध की तरफ स्वाभाविक तौर पर झुकाव होता है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार ”2019 स्टेटस ऑफ पुलिसिंग इन इंडिया” रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. सर्वे में यह भी पाया गया है कि 35 प्रतिशत पुलिस कर्मियों को लगता है कि गोहत्या के मामलों में भीड़ द्वारा अपराधी को दंडित करना स्वाभाविक है.
43 प्रतिशत पुलिसकर्मियों का मानना है कि भीड़ द्वारा बलात्कार के आरोपी को दंडित करना भी स्वाभाविक सी बात है. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जे चेलमेश्वर द्वारा मंगलवार को एनजीओ कॉमन कॉज एंड सेंटर ऑफ द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज के लोकनीति कार्यक्रम द्वारा तैयार पुलिस पर्याप्तता और कामकाजी परिस्थितियों पर रिपोर्ट जारी की गई.
21 राज्यों में किये गए इस सर्वेक्षण में पुलिस थानों में 12,000 पुलिस कर्मियों और उनके परिवार के लगभग 11,000 लोगों के साक्षात्कार शामिल थे. इस सर्वे में यह भी पाया गया कि 37 फीसदी कर्मियों ने माना कि मामूली अपराधों के लिए पुलिस द्वारा कानूनी सजा के बजाय एक छोटी सी सजा दी जानी चाहिए. इसमें पाया गया कि 72 प्रतिशत पुलिस कर्मियों ने प्रभावशाली व्यक्तियों से जुड़े मामलों की जांच के दौरान राजनीतिक दबाव का अनुभव किया.