कर्नाटक में मछुआरों को समुद्र में मिला यह 750 केजी का जीव!

,

   

एक गहरी समुद्री मछली पकड़ने वाली नाव जो मालपे बंदरगाह से रवाना हुई थी, ने पाया कि एक विशालकाय स्टिंगरे मछली उसके जाल में फंस गई थी। क्षेत्र के मछुआरों को मछली के सरासर आकार के आधार पर लिया गया, जिसका वजन 750 किलोग्राम था।

 

 

 

 

 

उडुपी में मेपल बंदरगाह बेंगलुरु से 405 किमी दूर है।

 

मालपे के पास प्रकाश बंगेरा के स्वामित्व वाली एक नाव ‘नागसिद्धी’ द्वारा फैलाए गए जाल में बुधवार को मछली उलझ गई। क्रेन की मदद से मछली को किनारे पर शिफ्ट किया गया।

 

इस तरह की मछली स्वादिष्ट मानी जाती है और इसका निर्यात भी किया जाता है। इस तरह की विशाल मछली की दृष्टि ने समुद्री भोजन के पारखी लोगों की स्वाद कलियों को बढ़ा दिया। मछली को तुलु में ‘थोरेक’ या ‘कोम्बु थोरके’ कहा जाता है।

 

 

 

 

वन इंडिया पर छपी खबर के अनुसार, रिपोर्ट के मुताबिक मानसून के धीमा पड़ने के बाद अब मछुआरे समुद्र में जाने लगे हैं। इस बीच मंगलुरु में बुधवार को मालपे बंदरगाह पर कुछ मछुआरों के जाल में दो भारी भरकम समुद्री जीव फंस गए।

 

जाल का वजन देख उन्होंने सोचा कि मछलियां ज्यादा हैं, लेकिन जब उसे उठाया तो उसमें सिर्फ दो भारी भरकम जीव निकले। जिसमें एक का वजन 750 किलोग्राम और दूसरे का 250 किलोग्राम था।

 

इतने भारी भरकम जीव को उठाना मछुआरों के बस का नहीं था, जिसके बाद उन्हें क्रेन बुलानी पड़ी।

 

बाद में बंदरगाह पर दोनों जीवों को देखने के लिए भीड़ इकट्ठा हो गई। असल में ये दोनों जीवों का नाम मंटा रे है। जिसमें एक का वजन 750 और दूसरे का 250KG है।

 

ये समुद्र में पाए जाने वाली एक प्रजाति है, जिन्हें जीनस मैंटा कहते हैं। आमतौर पर एक मंटा रे की चौड़ाई 7 मीटर तक हो सकती है।

 

इनके आगे का मुंह बड़ा होता है, साथ ही संरचना त्रिकोणीय। मछुआरों ने इसे क्रेन की मदद से ट्रक में डाला फिर अपने साथ ले गए।