रिकार्ड संख्या में इस बार संसद पहुंची महिला!

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भारत में चुनाव खत्म हो गए हैं और अब सबकी निगाहें नए कैबिनेट की ओर लगी हैं. इस बीच अगर संसद की सीटों पर ध्यान दिया जाए, तो पता चलता है कि महिला सांसदों की संख्या कभी भी इतनी नहीं थी जितनी अब होगी.

जर्मनी की अंगेला मैर्केल, ब्रिटेन की टेरीजा मे और न्यूजीलैंड की जेसिंडा आर्डर्न. 21वीं सदी में कई महिलाएं अपने देश का नेतृत्व करती दिखती हैं. हालांकि यह संख्या आज भी बहुत ज्यादा नहीं है. वहीं आज से पांच दशक पहले दुनिया के लिए महिलाओं को राजनीति और नेतृत्व से जोड़ कर देखना मुश्किल था.

उस दौर में इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री बनीं. उनसे पहले तक दुनिया ने सिर्फ एक महिला प्रधानमंत्री का नाम सुना था और वह नाम था श्रीलंका की सिरिमावो बंडारनाइके का. उस वक्त श्रीलंका को सीलोन के नाम से जाना जाता था.

इंदिरा गांधी के साथ भारत ने दुनिया में महिला सशक्तिकरण की मिसाल तो पेश की लेकिन अपनी ही मिसाल को भारत कायम नहीं रख पाया. ना तो देश ने दोबारा किसी महिला को प्रधानमंत्री पद सौंपा और ना ही संसद में महिलाओं की भागीदारी बहुत ज्यादा दिखी. महिला नेताओं के नाम पूछे जाए, तो आज भी गिनती की ही महिलाओं का नाम याद आएगा. कयास है कि 2019 से यह समीकरण बदल जाएं.

लोकसभा की 542 सीटों में से 78 पर महिलाएं चुनी गई हैं. भारत के लिए भले ही यह एक बड़ी संख्या हो लेकिन अंतरराष्ट्रीय औसत से तुलना करें तो ये संख्या प्रभावित करने वाली नहीं, बल्कि निराश करने वाली मालूम होती है क्योंकि ग्लोबल एवरेज के हिसाब से हर चार में से एक सांसद महिला होती है. इतना ही नहीं भारत का औसत पाकिस्तान और बांग्लादेश के औसत से भी कम है.

साभार- डी डब्ल्यू हिन्दी