ग़ाजा पट्टी में रहने वाले फ़िलिस्तीनियों को पांच साल बाद हज उमराह की अनुमति!

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पिछले पांच वर्षों में पहली बार मिस्र ने परिवेष्टन का शिकार पिछले पांच वर्षों में पहली बार मिस्र ने परिवेष्टन का शिकार ग़ज़्ज़ा पट्टी में रहने वाले फ़िलिस्तीनियों को उमरह की अदाएगी के लिए मिस्र और ग़ज़्ज़ा के बीच मौजूद रफ़ह पास से गुज़रने की अनुमति दे दी।

अमरीकी समाचार एजेन्सी एसोशीएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 800 फ़िलिस्तीनियों का पहला कारवां मिस्र की राजधानी पहुंच गया जहां वह हवाई जहाज़ द्वारा मुसलमानों के पवित्र शहर मक्का रवाना होंगे।

इस बारे में वार्ता करते हुए क़ाहिरा जाने वाली बस में सवार एक फ़िलिस्तीनी महिला का कहना था कि हम इस क्षण की 2014 से प्रतीक्षा कर रहे थे, यह विश्वसनीय नहीं है जिसके लिए अल्लाह का बहुत शुक्र है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, रफ़ह पास के दूसरी ओर मिस्री अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि 2014 में उत्तरी सीना मरुस्थल में मिस्री सेना के आप्रेशन के बाद से यह पहला अवसर है जब फ़िलिस्तीनी तीर्थयात्रियों को उमरे के लिए सीमापार करने की अनुमति दी गयी।

ज्ञात रहे कि ग़ज़्ज़ा और मिस्र के बीच वर्तमान रफ़ह क्रासिंग वह एकमात्र सीमा है जो इस्राईल के अतिग्रहण में नहीं है और पिछले कई वर्षों के दौरान अधिकतर बंद ही रही है किन्तु 10 महीने पहले इसे खोल दिया गया था जो साल में किसी समय भी बंद की जा सकेगी।

ज्ञात रहे कि ग़ज़्ज़ा से सीधे मिस्र हर वर्ष लगभग ढाई हज़ार हाजी हज के लिए सऊदी अरब जाते हैं किन्तु उमरे के लिए जाने की अनुमति लंबे समय बाद दी गयी। पट्टी में रहने वाले फ़िलिस्तीनियों को उमरह की अदाएगी के लिए मिस्र और ग़ज़्ज़ा के बीच मौजूद रफ़ह पास से गुज़रने की अनुमति दे दी।

अमरीकी समाचार एजेन्सी एसोशीएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 800 फ़िलिस्तीनियों का पहला कारवां मिस्र की राजधानी पहुंच गया जहां वह हवाई जहाज़ द्वारा मुसलमानों के पवित्र शहर मक्का रवाना होंगे।

इस बारे में वार्ता करते हुए क़ाहिरा जाने वाली बस में सवार एक फ़िलिस्तीनी महिला का कहना था कि हम इस क्षण की 2014 से प्रतीक्षा कर रहे थे, यह विश्वसनीय नहीं है जिसके लिए अल्लाह का बहुत शुक्र है।

रफ़ह पास के दूसरी ओर मिस्री अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि 2014 में उत्तरी सीना मरुस्थल में मिस्री सेना के आप्रेशन के बाद से यह पहला अवसर है जब फ़िलिस्तीनी तीर्थयात्रियों को उमरे के लिए सीमापार करने की अनुमति दी गयी।

ज्ञात रहे कि ग़ज़्ज़ा और मिस्र के बीच वर्तमान रफ़ह क्रासिंग वह एकमात्र सीमा है जो इस्राईल के अतिग्रहण में नहीं है और पिछले कई वर्षों के दौरान अधिकतर बंद ही रही है किन्तु 10 महीने पहले इसे खोल दिया गया था जो साल में किसी समय भी बंद की जा सकेगी।

ज्ञात रहे कि ग़ज़्ज़ा से सीधे मिस्र हर वर्ष लगभग ढाई हज़ार हाजी हज के लिए सऊदी अरब जाते हैं किन्तु उमरे के लिए जाने की अनुमति लंबे समय बाद दी गयी।