नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में लोगों का प्रदर्शन जारी है. रविवार रात यहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर पहुंचे. शशि थरूर धरना-प्रदर्शन कर रही महिलाओं को साहसी बताया. उन्होंने कहा ‘आप शहर की शान है, भारत देश की जान हैं.’ शाहीन बाग से निकलकर शशि थरूर मेट्रो से जेएनयू पहुंचे. यहां उन्होंने स्टूडेंट्स को संबोधित किया.
Delhi: Congress MP Shashi Tharoor joins protest against #CitizenshipAmendmentAct & #NationalRegisterofCitizens,
in Shaheen Bagh. pic.twitter.com/07bcPzfYaJ— ANI (@ANI) January 12, 2020
शाहीन बाग आने से पहले शशि थरूर जामिया यूनिवर्सिटी गए थे. जाम के कारण शशि थरूर अपनी कार छोड़कर पैदल ही यूनिवर्सिटी चले गए थे. जामिया यूनिवर्सिटी में अपने संबोधन में शशि थरूर ने कहा कि सीएए अलोकतांत्रिक और भेदभावपूर्ण है. यह भारतीय लोकतंत्र पर धब्बा है.
WATCH | Shashi Tharoor at JNU: First time a religious test been introduced into definition of Indian citizenship pic.twitter.com/Iw1ohBDYwv
— The Indian Express (@IndianExpress) January 12, 2020
बता दें कि पिछले दिनों नागरिकता संशोधन को लेकर जामिया में हिंसा देखने को मिली थी. इस दौरान कई छात्र घायल हो गए थे. पुलिस को इस दौरान आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े थे.
Message to JNU students awaiting me: Decided to give up battling the traffic near ShaheenBagh & have taken the metro instead to get to you. Will still be late, but not as late as if I’d stuck to four wheels! See you all soon! Looking forward to our interaction. pic.twitter.com/t68zW8Iqsp
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 12, 2020
एक महीने से चल रहा है प्रदर्शन
शाहीन बाग इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ करीब एक महीने से शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शनकारी शाहीन बाग में बीच सड़क पर 24 घंटे धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और सड़क से हटने के लिए तैयार नहीं हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार जब तक नागरिकता संशोधन कानून को वापस नहीं लेगी, हम सड़क से नहीं हटंगे और शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखेंगे.
खुद ही घर चले जाएं तो बेहतर हैः मीनाक्षी लेखी
इधर, बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि शाहीन बाग के लोग खुद ही घर चले जाएं तो बेहतर है. मीनाक्षी लेखी ने कहा कि प्रदर्शन की वजह से शाहीन बाग के लोगों की परेशानी बढ़ रही है और वे नाराज हो रहे हैं. इसलिए अच्छा होगा कि प्रदर्शनकारी अब घर चले जाएं.