नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के साथ बातचीत के बावजूद हल नहीं निकलने से नाराज किसान लंबे वक्त तक प्रदर्शन करने की तैयारी में जुटे हुए हैं।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, गाजीपुर बॉर्डर पर 26 जनवरी को निकलने वाली ट्रैक्टर रैली को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं।
इसके लिए शुक्रवार सुबह से ही उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के किसान बॉर्डर पर जुटाना शुरू हो गए हैं।
वहीं, किसान संगठन भी धरना स्थल पर पहुंच रहे किसानों की आवभगत में लग गए हैं।
इधर, किसानों का कहना है कि ट्रैक्टर रैली में तो सभी किसान शामिल होंगे, लेकिन मार्च की अगुवाई किसान यूनियनों के नेता ही करें। इनके पीछे हम पूरी ताकत के साथ खड़े रहेंगे।
उत्तराखंड से आए किसान नेता मलूक सिंह ने अमर उजाला से कहा, ट्रैक्टर मार्च को लेकर किसानों का जुटना शुरू हो गया है। बॉर्डर पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसान आ रहे है।
हमारे अनुमान के हिसाब से करीब 25 से 30 हजार लोग यहां जुटेंगे। आने वाले किसानों की तादाद को देखते हुए उनके रहने और खाने की तैयारियां पुरी हो चुकी हैं।
उत्तप्रदेश से आए किसान नेता जसवंत सिंह ने अमर उजाला को बताया कि हम लोग ट्रैक्टर मार्च को लेकर तैयार हैं। लेकिन हमारी मांग है कि सभी यूनियनों के नेता परेड में आगे चलें।
सभी किसान पूरी ताकत के साथ उनके पीछे डटे रहेंगे। पहले जितने भी मार्च निकले हैं उनके सभी नेता पीछे चलते हैं और आम किसान आगे।
क्योंकि पुलिस के लाठीचार्ज में आम किसानों पर लाठी बरसती है और नेता लोग निकल जाते हैं। इसलिए हमारा मानना है कि इस बार नेता भी आम किसान के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें।
ट्रैक्टर मार्च के सवाल पर किसान नेता वीएम सिंह ने अमर उजाला को बताया कि मार्च को लेकर जो भी किसान संगठन तय करेंगे।
हम उसका पालन करेंगे। ये बात सही है कि इस बार किसान नेताओं को मार्च में आगे रहना चाहिए।
दो अक्तूबर 2018 के मार्च के दौरान कई किसान पुलिस की लाठियों से घायल हो गए थे। इस बार सभी को एक साथ रहकर अपने हक की लड़ाई लड़नी चाहिए।