हमने इस्लाम के आदेश के आधार पर, परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को पूरी तरह से हराम घोषित किया
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने परमाणु बम के इस्तेमाल के धार्मिक दृष्टि से हराम होने के बारे में ईरान की साहसिक नीति की तरफ़ इशारा करते हुए कहा है कि ईरान, एटम बम बनाने और उसके रख-रखाव पर पैसे ख़र्च नहीं करेगा।
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार को देश के मेधावी व असाधरण क्षमताओं के स्वामी दो हज़ार युवाओं से मुलाक़ात के अवसर पर कहा कि हालांकि हम रास्ते पर आगे बढ़ सकते थे लेकिन हमने इस्लाम के आदेश के आधार पर, परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को पूरी तरह से हराम घोषित किया, इस लिए इस बात का कोई तर्क नहीं है कि हम उस चीज़ को बनाने और उसके रख-रखाव पर पैसे ख़र्च करें जो पूरी तरह से हराम है।
उन्होंने कहा कि इस्लामी क्रांति का एक अहम कारनामा, वैज्ञानिक क्षेत्रों समेत मुश्किल राहों पर चलने के लिए सभी का उत्साह वर्धन है जिसकी दुश्मनों ने भी तारीफ़ की है।
Iran.Heard of this ?Khamenei's Nuclear Fatwa?Allegedly stating that nuclear weapons are ‘against the teachings Ilit Islam,so haram?Recently unearthed and put out by the Iranian regime.But no one seems to be able to find the original Khomeini fatwa.. https://t.co/BQH10wcRAL
— Jacob Pape (@JacobPape4) August 11, 2019
वरिष्ठ नेता ने वैज्ञानिक क्षेत्रों में देश के कुछ कारनामों की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि देश में क्षमताओं के भरपूर इस्तेमाल से प्रतिरक्षा शक्ति, उपचार, विकसित चिकित्सा और बीमारियों पर नियंत्रण, तकनीकी व इंजीनियरिंग, नैनो टैकनोलोजी और शांतिपूर्ण परमाणु तकनीक जैसे क्षेत्रों में बहुत प्रगति हुई है।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि हर मेधावी जवान, ईरान के शरीर का एक अंग है और इस प्रकार के लोगों की कठिनायां दूर करने के लिए मेधावियों के मामलों के रणनैतिक दस्तावेज़ को पूरी तरह से लागू किया जाना चाहिए।