कश्मीर में एडवाइजरी: विपक्ष को लग रहा है दाल में काला!

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जम्मू-कश्मीर में नए बने हालातों के मद्देनजर कई तरह के कयास लग रहे हैं। पहले सेना की प्रेस कांफ्रेंस में अमरनाथ यात्रा पर खतरे की आशंका और आतंकियों की साजिश का खुलासा किया गया।

इसके बाद राज्य के गृह विभाग ने एडवाइजरी जारी कर कहा कि जम्मू-कश्मीर के सभी पर्यटक और अमरनाथ यात्री जल्द से जल्द लौट जाएं। इस घटनाक्रम ने विपक्ष को सरकार पर हमले का मौका दे दिया।

कांग्रेस से लेकर पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने कहा कि सरकार का इरादा क्या है वह साफ-साफ बताए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने आज जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के फैसले राज्य में भय का माहौल बना रहे हैं।

आजाद ने कहा, ‘कांग्रेस के जम्मू-कश्मीर नीति योजना समूह की आज पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। गृह मंत्रालय और जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से आ रही रिपोर्ट पर चिंता जताई गई। ये रिपोर्ट भारत सरकार के इरादों को लेकर दहशत और आशंकाओं का माहौल बना रही हैं।’

आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच यह चिंता है कि सरकार अनुच्छेद 35ए और 370 को खत्म करने का इरादा रखती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के मुताबिक पार्टी के समूह ने यह मत भी जाहिर किया कि जम्मू-कश्मीर को दी गई संवैधानिक गारंटी बरकरार रखी जाए।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, आजाद ने भारत सरकार से अपील की कि ऐसा कोई भी निर्णय न लिया जाए जो राज्य की स्थिति के लिए ठीक न हो। आजाद ने कहा, ‘सुरक्षा बलों की बड़ी पैमाने पर तैनाती, अमरनाथ यात्रा में कटौती और पर्यटकों, यात्रियों और वहां के बाशिंदों के लिए जारी की जाने वाली एडवाइजरी से असुरक्षा और भय का माहौल बन रहा है।

हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि ऐसा कोई भी फैसला न लें जिससे राज्य में गंभीर संकट की स्थिति आए।’ वहीं, नए घटनाक्रम में हवाई आवाजाही पर भी असर देखने को मिलेगा। डीजीसीए ने कहा कि सभी एयरलाइंस को किसी भी वक्त राज्य से पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों को लाने के लिए तैयार रहना होगा।