अपहरण किए गए इन लोगों में से एक व्यक्ति को मार्च में रिहा कर दिया गया था लेकिन बाकियों की कोई जानकारी नहीं मिल पाई थी। रविवार को तीन अन्य इंजीनियरों को भी रिहा कर दिया गया है। अब तीन और के बारे में जानकारी मिलनी शेष है
Three Indian engineers released in exchange for 11 Taliban prisoners | https://t.co/179G6i9R5j pic.twitter.com/AvtoMxgIh0
— Economic Times (@EconomicTimes) October 7, 2019
अफगानिस्तान में तालिबान ने तीन भारतीय इंजीनियरों के बदले में अपने 11 सदस्यों को रिहा करने के बाद छोड़ दिया है। आपको बताते जाए कि अफगानिस्तान के उत्तरी बघलान प्रांत स्थित एक ऊर्जा संयंत्र में काम करने वाले सात भारतीय इंजीनियरों का मई 2018 में अपहरण कर लिया था।
Afghan Taliban releases at least three Indian hostages in exchange for the release of at least 11 Taliban members
Report: @hamzaameer74 https://t.co/XzUS3BDjLo— IndiaToday (@IndiaToday) October 7, 2019
अपहरण किए गए इन लोगों में से एक व्यक्ति को मार्च में रिहा कर दिया गया था लेकिन बाकियों की कोई जानकारी नहीं मिल पाई थी। रविवार को तीन अन्य इंजीनियरों को भी रिहा कर दिया गया है। अब तीन और के बारे में जानकारी मिलनी शेष है।
Seven Indian engineers working for a power plant in Afghanistan’s northern Baghlan Province were kidnapped in May 2018.https://t.co/jlIZn4aLWw
— The Hindu (@the_hindu) October 7, 2019
मिली जानकारी के अनुसार, बंधकों की अदला-बदली रविवार को की गई, लेकिन इसे कहां अंजाम दिया गया, इस बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। इनकी रिहाई तालिबान और अमेरिका के बीच बातचीत का नतीजा है।
#Breaking | Three Indian engineers in Afghanistan's Baghlan province have been freed in exchange for 11 Taliban prisoners.
More details by TIMES NOW’s Srinjoy Chowdhury. pic.twitter.com/YXDbIDJzuB
— TIMES NOW (@TimesNow) October 7, 2019
इस्लामाबाद में तालिबान और अमेरिकी प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक हुई जिसमें तालिबान के हिरासत में कैद तीन भारतीय इंजीनियरों की रिहाई का मुद्दा उठा था। तालिबान की बैठक में कैदियों की अदला-बदली पर चर्चा हुई।
तालिबान के सदस्यों ने बताया कि तालिबान के शेख अब्दुर रहीम और मावलवी अब्दुर रशीद को भी रिहा किया गया है। 2001 में अमेरिका के नेतृत्व वाली सेनाओं द्वारा हटाए जाने से पहले तालिबान प्रशासन के दौरान शेख अब्दुर रहीम, कुनार प्रांत और अब्दुर रशीद, निम्रोज प्रांत के विद्रोही समूह के गवर्नर के तौर पर काम कर रहा था।