अमेरिका ने कहा है कि अभी तक तालिबान की तरफ से कोई ऐसी व्यवस्था नहीं दिखाई गई है कि यूएस सेना को अफगानिस्तान से पूरी तरह से हटाया जाए।
जाागर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, णयूएस सेना की दखरेख कर रहे कमांडर ने कहा कि तालिबान ने अगले मई तक अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के लिए आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं किया है।
उन्होंने बताया कि फरवरी में हस्ताक्षरित एक अमेरिकी-तालिबान शांति समझौते में शामिल आवश्यक शर्तों को पूरी नहीं किया गया है।
जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने कहा कि मई तक देश से सेना को हटाया जाना आगे की स्थितियों पर निर्भर करता है।
बता दें कि इससे पहले मई में अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा था कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो वह जुलाई में अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को हटाने का सिलसिला शुरू करेगा।
रक्षा विभाग के प्रवक्ता जोनाथन हैडमैन ने पिछले महीने कहा था कि जुलाई में अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य बलों की संख्या घटाकर 8,600 तक की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह उस अमेरिका-तालिबान समझौते का एक हिस्सा है।
गौरतलब है कि 29 फरवरी, 2020 को अमेरिका और तालिबान के बीच करीब 18 महीनों की बातचीत के बाद एक शांति समझौता हुआ था।
शांति समझौते का मुख्य केंद्र अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी और अंतर-अफगान शांति वार्ता की शुरुआत करना था। कतर के दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते पर सहमति बनी थी।
इस समझौते के बाद घोषणा की गई थी कि यूएस सैन्य बलों की संख्या घटाकर 8,600 कर दी जाएगी।
साथ ही अमेरिकी-तालिबान शांति समझौते में किए गए वादों को 135 दिन में लागू किया जाएगा। इस समझौते के तहत अमेरिका को 14 महीनों के अंदर अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को हटाना होगा।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में अमेरिका पिछले 18 वर्षों से जंग लड़ रहा है। अमेरिका में हुए 11 सितंबर, 2001 के हमले के बाद अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में डेरा डाल रखा है। इस जंग में अब तक बड़ी संख्या में लोग मारे जा चुके हैं।