अॉस्ट्रेलिया को हराकर वर्ल्डकप फाइनल में पहुंचा इंग्लैंड

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बेहतरीन गेंदबाजी के बाद अपने बल्लेबाजों के शानदार खेल के बूते इंग्लैंड विश्व कप 2019 के फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी टीम बन गई। बर्मिंघम के एजबेस्टन में मेजबान अंग्रेजों ने ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से पटखनी देते हुए 1992 के बाद पहली बार वर्ल्ड कप के फाइनल में प्रवेश किया। यह विश्व कप इतिहास में पहला मौका है जब ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल जीतने में नाकामयाब रहा।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, अब 14 जुलाई को लॉर्ड्स का ऐतिहासिक मैदान इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खिताबी मुकाबले का गवाह बनेगा। माने की इस बार कोई ऐसी टीम विश्व विजेता बनने वाली है, जिसने आजतक कभी खिताब नहीं जीता।

इंग्लैंड पिछली बार 2015 विश्व कप के पहले दौर से बाहर हो गया था। उसके बाद से हालांकि वनडे रैंकिंग में शीर्ष तक पहुंचा और काफी मजबूत टीम के रूप में उभरा। इंग्लैंड 1979, 1987 और 1992 में फाइनल तक पहुंचा लेकिन विश्व कप नहीं जीत सका। इस बार टीम के फॉर्म को देखते हुए विशेषज्ञों ने कयास लगाया था कि यह उसके पास सबसे सुनहरा मौका है।

पांच बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलियाई टीम ने गुरुवार को दूसरे सेमीफाइनल में इंग्लैंड के सामने 224 रन का लक्ष्य रखा था। जवाब में जेसन रॉय की तूफानी फिफ्टी के बूते इंग्लैंड ने इस स्कोर को 32.1 ओवर में ही पा लिया। इस मुकाबले में पूरी इंग्लिश टीम ने जबरदस्त खेल दिखाया। गेंदबाजी में जहां क्रिस वोक्स (3), जोफ्रा आर्चर (2), आदिल रशीद (3) ने कंगारू बल्लेबाजों को रोके रखा तो बल्लेबाजी में जेसन रॉय (85), जॉनी बेयरस्टो (34), इयोन मॉर्गन (45 नाबाद) और जो रूट (49 नाबाद) ने गतविजेता टीम के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दी।

इस अहम मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई पारी 49 ओवर्स में 223 रन पर सिमट गई। महज 14 रन के भीतर तीन अहम विकेट गंवाने के बाद स्टीव स्मिथ (85) की जुझारू पारी के बूते ही ऑस्ट्रेलिया इतना स्कोर खड़ा कर पाया। जवाब में जेसन रॉय और जॉनी बेयरस्टो ने पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी कर टीम की जीत सुनिश्चित कर दी। बाकी का काम दूसरे बल्लेबाजों ने बखूबी निभाया।