उत्तरी सीरिया में तुर्की की सैनिक कार्रवाई में वायुसेना के अलावा आर्टिलरी सैनिकों ने भी हिस्सा लिया है और कुर्दों के वाईजीपी संगठन के 181 ठिकानों पर हमला किया है.
Update: Arab League Secretary General Ahmed Aboul Gheit says that the Arab League is considering taking diplomatic, economic, investment and tourism measures against Turkey. https://t.co/fJ1BTCCnVj
— Al Arabiya English (@AlArabiya_Eng) October 12, 2019
सीरिया में तुर्की की सेना के घुसने की अरब देश आलोचना कर रहे हैं. ईरान ने भी हमले की आलोचना की है. तुर्की के हमले ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है जिससे पूरे मध्यपूर्व में शक्ति संतुलन बिगड़ सकता है.
तुर्की की सीमा से लगे सीरियाई शहरों पर तुर्की के लड़ाकू विमानों के हमलों के कारण हजारों लोग भाग रहे हैं.
Arab League urges UN Security Council to take measures to force Turkey to halt military offensive https://t.co/0czgyb6RTL pic.twitter.com/WLvr2ggv3P
— Al Jazeera English (@AJEnglish) October 12, 2019
उत्तरी सीरिया में तुर्की की सैनिक कार्रवाई में वायुसेना के अलावा आर्टिलरी सैनिकों ने भी हिस्सा लिया है और कुर्दों के वाईजीपी संगठन के 181 ठिकानों पर हमला किया है.
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तय्यप एर्दोवान का कहना है कि वे तुर्की के दक्षिण में कुर्दों के इलाके से आतंकवादी गलियारे को खत्म कर देना चाहते हैं और वहां शांति स्थापित करना चाहते हैं. इसमें कामयाबी संदेहास्पद है.
“The Qatari reservation puts Qatar in one trench with the aggressor, and I have no further comment,” Egypt’s foreign minister says on Qatar’s reservation regarding the final statement of the Arab League’s session on Turkey’s offensive in northeast Syria.https://t.co/fJ1BTCCnVj
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लेबनान के सैन्य विशेषज्ञ निजार अब्देलकादर का कहना है, “तुर्की की सैनिक कार्रवाई का असर पूरे पश्चिम एशिया में स्थिरता के अलावा क्षेत्रीय और स्थानीय राजनीतिक स्थिति पर भी होगा.” उनका कहना है कि सैनिक कार्रवाई का नतीजा तकलीफ और बर्बादी होगा. “सीरिया संकट और जटिल हो जाएगा और सीरिया में राजनीतिक समाधान ढूंढना शायद ही संभव रह जाएगा.”
ब्रिटिश अखबार एलाफ का कहना है कि तुर्की की सैनिक कार्रवाई के असर का अंदाजा लगाना कठिन है. इसमें सिर्फ कुर्दों का नुकसान नहीं होगा. ये आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय संघर्ष में मिली कामयाबी को भी नुकसान पहुंचा सकता है.
कुर्द इलाकों में कैद आतंकवादी संगठन आईएस के लड़ाके अफरातफरी का फायदा उठाकर भाग सकते हैं और पूरे इलाके में छुप सकते हैं. सीरिया पर हमला तुर्की को भी नुकसान पहुंचाएगा क्योंकि सरकार लोगों पर कुर्दों के खिलाफ एक अंतहीन युद्ध थोप रही है. अमेरिका द्वारा प्रशिक्षित कुर्द लड़ाकों और तुर्की की लड़ाई लंबे समय तक चल सकती है.
तुर्की की सैनिक कार्रवाई का शुरुआती असर दिखने लगा है. एर्दोवान ने मिस्र और सऊदी अरब की आलोचना पर कड़ी प्रतिक्रिया की है.
राष्ट्रपति अल सीसी की कैबिनेट को निशाना बनाकर उन्होंने कहा कि मिस्र को तुर्की की सैनिक कार्रवाई की आलोचना करने का कोई हक नहीं है, सरकार ने खुद को देश में लोकतंत्र का हत्यारा साबित किया है.
और सऊदी अरब की ओर इशारा करते हुए एर्दोवान ने कहा, “यमन को उसकी मौजूदा हालत में कौन लाया है?” वे यमन में हूथी विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी अरब के नेतृत्व में चल रही लड़ाई और वहां की मानवीय दुर्दशा की ओर इशारा कर रहे थे.
राष्ट्रपति एर्दोवान का बयान दिखाता है कि यमन के युद्ध पर उनका रवैया कितना बदल गया है. शुरू में उन्होंने सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन का स्वागत किया था तो अब वे उसके खिलाफ हो गए हैं. इसे सऊदी अरब के विरोधी ईरान की ओर एक हल्का का संदेश भी समझा जा सकता है.
हालांकि ईरान ने भी असैनिक नागरिकों के लिए खतरे का हवाला देकर तुर्की की कार्रवाई की आलोचना की है और उसने तुर्की की सीमा पर बड़ा सैनिक अभ्यास भी किया है. ईरान के संसद प्रमुख लारीजानी ने अपना तुर्की दौरा भी रद्द कर दिया है. लेकिन साथ ही ईरान ने कहा है कि वह दक्षिणी सीमा पर सुरक्षा को लेकर तुर्की की चिंताएं समझता है. ईरान में कुर्द आबादी रहती है लेकिन वहां तुर्की जैसा विवाद पैदा नहीं हुआ है.
सीरिया में कुर्द पार्टी पीवाईडी से ईरान ने एक दूसरे कारण से दूरी बना रखी है. तुर्की के राजनीतिविज्ञानी गुरिज सेन कहते हैं, “सीरिया के गृहयुद्ध में पीवाईडी आतंकी संगठन आईएस के खिलाफ संघर्ष में ईरान का रणनीतिक सहयोगी बन गया था” आईएस के पराजित होने के बाद तेहरान सरकार ने कुर्द पार्टी की अमेरिका के साथ अच्छे रिश्तों का सामना हुआ.
इसलिए वह सीरियाई कुर्दों और असद सरकार के बीच मेलजोल का समर्थन कर रही है. इस तरह वह सीरिया के ऊपर अपना नियंत्रण बढ़ाना चाहती है और सीरिया में अमेरिकी उपस्थिति को कमजोर करना चाहती है.
साभार- डी डब्ल्यू हिन्दी