सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को अयोध्या मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है। इसी के साथ वर्षों से चले आ रहे विवाद का अंत हो गया। मामले में नया मोड़ तब आया जब मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन डालने का फैसला लिया।
हरिभूमी पर छपी खबर के अनुसार, नौ दिसबंर से पहले किसी भी दिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड रिव्यू पिटिशन सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर सकता है। 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की बरसी भी है।
क्योंकि 6 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा दिया गया था। वर्षों से चले आ रहे राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद के मुद्दे ने भारत की राजनीति और नेताओं की सोच को पूरी तरह से ही बदल दिया।
इस मुद्दे को देश के महान राजनीतिज्ञों ने जीवित भी रखा। 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की बरसी आज से लगभग 27 साल पहले 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा दिया गाया था। जब से ही हर साल मुस्लिम समुदाय के लोग बाबरी मस्जिद की बरसी मनाने लगे।
वहीं तभी से ही 6 दिसंबर को अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद के द्वारा शौर्य दिवस मनाया जाने लगा। प्रति वर्ष शौर्य दिवस में शामिल होने के लिए भारतीय जनता पार्टी का कोई न कोई नेता जरूर जाता था। गुजरते वक्त के साथ धीरे-धीरे लोगों का उत्साह कम होने लागा था। लेकिन राजनीतिक दलों के नेताओं को यह मंजूर नहीं था।