किसान आन्दोलन: अंबानी-अडानी के सामान का बहिष्कार करने का ऐलान किया गया!

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नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों और केंद्र सरकार के बीच माहौल गरमा गया है। बुधवार को केंद्र सरकार द्वारा प्रस्ताव मिलने के बाद 40 से ज्यादा किसान नेताओं की बैठक हुई।

 

भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, इसमें सर्वसम्मति से एक साथ हाथ उठाकर सभी ने प्रस्ताव रद्द कर दिया। खबर मिलते ही कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर गृह मंत्री अमित शाह से मिलने गए।

 

 

प्रस्ताव ठुकराने के बाद शाम को किसानों ने प्रदर्शन तेज करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अंबानी-अडानी के सामान का बहिष्कार करेंगे, देशभर में धरना देंगे और भाजपाइयों का घेराव करेंगे।

 

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किसानों की बैठक में दोपहर 2:15 बजे सरकार के प्रस्ताव को पढ़ा गया और उसके बाद सभी ने एक आवाज में इसे रद्द करने की बात कही।

 

 

 

 

इसके बाद दोपहर करीब 3 बजे कुछ किसान नेताओं ने प्रपोजल की कॉपी सार्वजनिक कर दी।

 

 

 

 

किसान संगठन अब दिल्ली से लगते राजस्थान और आगरा हाईवे को 12 तारीख से पहले जाम कर देंगे। 12 तारीख को ही एक दिन के लिए देशभर में सभी टोल प्लाजा फ्री कराएंगे।

14 को देशभर में सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन करेंगे और भाजपा के नेताओं का घेराव करेंगे।

 

 

दूसरी ओर कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि एमएसपी और एपीएमसी दोनों बरकरार रहेंगे। वैसे राजस्थान के निकाय चुनाव के परिणाम ने बता दिया है किसान कानूनों के पक्ष में हैं।

 

 

किसान नेताओं के अनुसार सरकार ने स्पष्ट प्रपोजल देने की बजाए इसे गोलमोल कर दिया है। 22 में से 12 पेजों पर इसकी भूमिका, पृष्ठभूमि, इसके फायदे, आंदोलन खत्म करने की अपील और धन्यवाद है।

 

क्या-क्या संशोधन करेंगे, उसके बजाय हर मुद्दे पर लिखा है ऐसा करने पर विचार कर सकते हैं।

 

तीनों कानून रद्द करने के मुद्दे के जवाब में हां या न में जवाब देने की जगह लिखा है कि किसानों के कोई और सुझाव होंगे तो उन पर भी विचार कर सकते हैं।

 

केंद्र के साथ पहले हुई बैठक में भी किसान नेताओं में इसी बात को लेकर नाराजगी थी कि सीधा हां या ना में सरकार की ओर से जवाब क्यों नहीं दिया जा रहा।

 

अमित शाह ने बुधवार सुबह 11 बजे तक संशोधन प्रस्ताव देने की बात कही थी। कुंडली बॉर्डर पर 10 बजे से ही किसान नेता इकट्ठे होने लगे।

 

12 बजे तक हरियाणा के नेता भी आ गए और प्रपोजल की प्रतीक्षा करने लगे। दोपहर 1 बजे तक संयुक्त मोर्चा के सदस्य पहुंचे। दोपहर 2:15 बजे सरकारी अफसर प्रपोजल देकर गया।