टॉप कमांडर के मारे जाने के बाद ईरान और अमेरिका में भारी तनाव!

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ईरान सेना के एक वरिश्ठ अधिकारी जनरल कासिल सुलेमानी को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर मार गिराया गया है। इससे अमेरिका और ईऱान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ मौजूदा हालात को हाल के वर्षों में सबसे खराब दौर के तौर पर बता रहे हैं और इसकी वजह से वैश्विक अस्थिरता बढ़ना तय माना जा रहा है। हालात पर भारत भी बेहद करीबी नजर रखे हुए है।

अमेरिका व ईऱान के बीच युद्ध होने की स्थिति में ना सिर्फ भारत को आर्थिक तौर पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है बल्कि इन दोनो देशों के बीच सामंजस्य बनाने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है।

पिछले महीने दिसंबर, 2019 में ही भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका और ईरान की यात्रा की थी।

भारत और अमेरिका के बीच विदेश व रक्षा मंत्रियों की बैठक में जब ईरान के चाबहार पोर्टे को लेकर भारत को छूट देने पर अमेरिका तैयार हुआ था।

इससे माना गया था क वह ईरान व भारत के रिश्तों को लेकर बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहा। वैसे भारत ने ईरान से तेल खरीदना पूरी तरह से बंद कर दिया है।

इसके बावजूद कई वजहों से भारत के लिए ईऱान की अहमियत है। इसमें सबसे बड़ा कारण यह है अफगानिस्तान में पाकिस्तान के प्रभाव को रोकने के लिए ईरान की जरूरत रहेगी।

पिछले महीने ही चाबहार पोर्ट से अफगानिस्तान तक रेल व सड़क मार्ग बनाने की परियोजना पर बात हुई है। भारत चाबहार पोर्ट से मध्य एशिया के तमाम देशों को कारोबार के लिहाज से जोड़ने की मंशा भी रखता है।

इसके लिए भारत, ईरान व रूस के बीच पहले से ही एक योजना पर काम हो रहा है। लेकिन नए हालात में अमेरिका एक बार फिर भारत को ईऱान से सारे संपर्क तोड़ने का दबाव बना सकता है।

ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ के इस महीने के मध्य में भारत आने की भी संभावना है। पूर्व में भी कई बार अमेरिकी दबाव में भारत को ईरान के साथ अपने रिश्तों की समीक्षा करनी पड़ी है।