पैंगॉन्ग के नॉर्थ और साउथ इलाके में डिसएंगेजमेंट का समझौता हो गया है- राजनाथ सिंह

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भारत और चीन की सेनाएं लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल से हटने को तैयार हो गई हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी।

भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि पैंगॉन्ग के नॉर्थ और साउथ इलाके में डिसएंगेजमेंट का समझौता हो गया है।

हालांकि, अभी भी कुछ इश्यूज बचे हैं। चीन के साथ बातचीत में हमने कुछ खोया नहीं है।’

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना ने सभी चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया है। कई इलाकों को चिह्नित किया गया है, जहां हमारी सेनाएं मौजूद हैं।

लद्दाख की ऊंची चोटियों पर भी हमारी सेनाएं मौजूद हैं, इसलिए हमारा तेज बना हुआ है। जिन शहीदों के पराक्रम पर डिसएंगेजमेंट आधारित है, उन्हें यह देश याद रखेगा।

चीन ने पिछले साल LAC पर गोला-बारूद जमा किया था
रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन द्वारा पिछले साल अप्रैल-मई के दौरान ईस्टर्न लद्दाख की सीमा के पास भारी मात्रा में सेना और गोला-बारूद इकट्ठा कर लिया गया था।

चीन ने LAC के पास कई बार ट्रांसप्लेशन का भी प्रयास किया था। हमारी सेना ने उन सभी सशस्त्र प्रयासों का उपयुक्त जवाब दिया। इस सदन के साथ पूरे देश ने उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी, जिन्होंने सीमा की रक्षा करते हुए बलिदान दिया था।

राजनाथ ने यह भी बताया कि पिछले साल सितंबर से दोनों पक्षों के बीच मिलिट्री और डिप्लोमैटिक बातचीत जारी है। हमारा लक्ष्य है कि LAC पर डिसएंगेजमेंट और यथास्थिति बरकरार हो, ताकि शांति और ट्रैंक्वैलिटी दोबारा स्थापित हो सके।


पिछले साल सीमा पर चीन द्वारा उठाए गए कदमों से पीस और ट्रैंक्वैलिटी पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इसका प्रभाव भारत और चीन के संबंधों पर भी पड़ा है।

पिछले साल मैंने अपने चीनी काउंटरपार्ट, विदेश मंत्री जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री और NSA अजीत डोभाल ने अपने चीनी काउंटरपार्ट के साथ बातचीत की थी।

हमने स्पष्ट कर दिया है कि LAC के सभी सेक्शंस पर डिसएंगेजमेंट किया जाए, ताकि पीस और ट्रैंक्वैलिटी कायम रह सके।

चीन का भारत की 43 हजार वर्ग किमी जमीन पर कब्जा है
रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन ने 1962 से लद्दाख के अंदर 38 हजार वर्ग किमी इलाके पर अनाधिकृत तरीके से कब्जा कर रखा है।

इसके अलावा पाकिस्तान ने PoK में 5,180 वर्ग किमी जमीन अवैध रूप से चीन को दे दी। इस तरह चीन का भारत की करीब 43 हजार वर्ग किमी जमीन पर कब्जा है।

उधर, चीन अरुणाचल प्रदेश की भी 9 हजार वर्ग किमी जमीन को अपना बताता है। भारत ने इन अप्रामाणिक दावों को कभी स्वीकार नहीं किया है।


रक्षा मंत्री के राज्यसभा में बयान देने के एक दिन पहले यानी बुधवार को चीन की सरकार ने दावा किया कि लद्दाख में LAC पर भारत के साथ नौ महीने से चल रहा टकराव खत्म हो गया है।

चीन के मुताबिक, बुधवार को दोनों ओर से फ्रंटलाइन पर तैनात सैनिकों की एक साथ वापसी शुरू हो गई।

इससे पहले, चीनी मीडिया ने भी दावा किया था कि पैंगॉन्ग लेक के दक्षिणी और उत्तरी इलाके से भारत-चीन की सेना ने डिसइंगेजमेंट की प्रोसेस शुरू कर दी है।


चीन की मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के स्पोक्सपर्सन वू कियान ने बताया कि चीन और भारत के बीच हुई कमांडर लेवल की 9वें दौर की बातचीत में डिसइंगेजमेंट पर सहमति बनी थी।

इसके तहत ही दोनों देशों ने अपने सैनिकों को पैंगॉन्ग हुनान और नॉर्थ कोस्ट से पीछे हटाना शुरू कर दिया है। इसके बाद चीनी विदेश मंत्रालय का बयान आया।

स्पोक्सपर्सन वांग वेनबिन ने कहा कि रूस में हुई बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्री इस मसले का हल निकालने पर राजी हुए थे।