अब्दुल हमीद अंसारी, पटना: बिहार विधानसभा में अब RJD सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. ओवैसी के पांच विधायक में से चार ने राजद का दामन थाम लिया है. ये सभी विधायक मुस्लिम बहुल क्षेत्र से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. लेकिन राजनीति में कब करवट बदल जाए, कहना मुश्किल है. इस वक्त बिहार में यही चल रहा है..
कहा जा रहा है कि इस बड़े गेम प्लान को कामयाब बनाने में राजद विधायक सऊद आलम का अहम रोल माना जा रहा है. मालूम हो कि सऊद आलम कांग्रेस के कद्दावर नेता और किशनगंज से दो बार सांसद रह चुके स्वर्गीय मौलाना असरारुल हक़ के पुत्र हैं. मौलाना का देहांत 2019 लोकसभा चुनाव से पहले ही हो गया था.
सऊद आलम राजद के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. कहा जाता है कि विधायक सऊद आलम सीमांचल की राजनीति से रग- रग से वाकिफ हैं और इसी का फायदा राजद को मिलता दिख रहा है. बिहार विधानसभा में राजद को सबसे बड़ी पार्टी बनाने में सऊद आलम का बहुत बड़ा हाथ माना जा रहा है. सऊद आलम किशनगंज के ठाकुरगंज से विधायक हैं.
विधायक सऊद आलम को सीमांचल का चाणक्य माना जाता है. सीमांचल की राजनीति में अच्छी पकड़ होने की वजह से राजद को काफ़ी फायदा पहुंचता दिख रहा है.
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