अयोध्या में बनने वाली मस्जिद शरीयत के खिलाफ़: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआइएमपीएलबी) ने अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद पर फिर सवाल खड़े किए हैं।

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, र्एआइएमपीएलबी के कार्यकारी सदस्य और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा है कि अयोध्या में प्रस्तावित मस्जिद, जिसका खाका तीन दिन पहले लॉन्च किया गया, वह वक्फ एक्ट और शरीयत (इस्लामी कानून) के खिलाफ है।

समाचार एजेंसी वार्ता के अनुसार एआइएमपीएलबी के कार्यकारी सदस्य जफरयाब जिलानी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अयोध्या के धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद वक्फ अधिनियम का उल्लंघन करती है।

उन्होंने कहा कि यह शरिया कानून का भी उल्लंघन करती है क्योंकि वक्फ अधिनियम शरीयत पर ही आधारित है।

उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और बाबरी मस्जिद कमेटी, बाबरी मस्जिद की जमीन की किसी भी प्रकार की अदला बदली के खिलाफ रही है और इस बात को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष भी स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया जा चुका है।

जफरयाब जिलानी ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, इस जमीन को नाजायज, गैरकानूनी और भारत के सांवीधानिक कानून में आने वाले शरीयत के खिलाफ मानता है। जिलानी ने कहा कि हमने एक स्टैंड लिया था कि मस्जिद के बदले जमीन लेना गैरकानूनी है।

जब जमीन ही अवैध होगी तो उसके ऊपर बनी मस्जिद भी अवैध होगी और हम अवैध मस्जिद नहीं चाहते हैं।

यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के जमीन स्वीकार करने पर जिलानी ने कहा कि बोर्ड के दो सदस्यों ने इसे अस्वीकार कर दिया था, जबकि चार सदस्यों ने जमीन के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया था, जिसमें इसके अध्यक्ष जुफर फारूकी भी शामिल थे।

इसलिए यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने बाबरी मस्जिद की मूल जमीन से दूर सरकार की जमीन की पेशकश को स्वीकार कर लिया।