ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड यानि एआइएमपीएलबी ने तत्काल तीन तलाक के खिलाफ किए गए सजा के प्रवधान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
एआईएमपीएलबी और कमाल फारुकी की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि यह कानून मुसलमानों की जिंदगी और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर गलत प्रभाव डाल रहा है।
कमल फारुकी ने बताया कि संसद में पारित किया गया मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम-2019 असंवैधानिक है।
AIMPLB moves SC against triple talaq law https://t.co/87SM569sSe
— TOI India (@TOIIndiaNews) October 21, 2019
चूंकि यह संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 20, 21, 25 और 26 का उल्लंघन करता है। इस कानून के चलते तीन तलाक बोलना अपराध माना जाएगा।
जानकारों की मानें तो अनुच्छेद 25 और 26 उलंघन
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि यह कानून मनमाना, अवांछित और गलत तरीके से तीन तलाक को अपराध करार देता है। इससे संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन होता है।
A plea by #AIMPLB has challenged the Constitutional validity of #TripleTalaq on the ground that it is manifestly arbitrary and offends Articles 14, 15, 20 and 21 of the Constitution. https://t.co/MkZchC40Vs
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) October 21, 2019
इससे एक नागरिक की निजता का उल्लंघन होता है। नए कानून के तहत तलाक-ए-बिद्दत होने की जानकारी पति या पत्नी की मर्जी के बगैर पत्नी से संबंधित कोई भी व्यक्ति दे सकता है।
इसमें पत्नी के रक्त संबंधी से लेकर शादी से जुड़े रिश्तेदार भी शामिल हैं। इस कानून के जरिए शादी से जुड़ी बेहद आंतरिक बातें भी सार्वजनिक हो जाती हैं।
Muslim Law Board Moves Top Court Against Triple Talaq Law https://t.co/EsxM8POoYa
— NDTV News feed (@ndtvfeed) October 21, 2019
लिहाजा, इससे प्रतिष्ठा और निजता के अधिकारों को भी क्षति पहुंचती है। याचिका में कहा गया है कि विगत 31 जुलाई को केंद्र की ओर से पारित किया गया था। इस कानून के जरिए तत्काल तीन तलाक देने वाला शौहर तीन साल की कैद का हकदार होगा।
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 तलाक-ए-बिद्दत या तलाक के ऐसे ही किसी अन्य रूप, जिसमें मुस्लिम पति तत्काल तलाक देता है, को निरर्थक और अवैध करार देता है।
यह कानून बोलकर, लिखकर, एसएमएस अथवा वाट्सऐप या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से एक बार में तीन तलाक को अवैध करार देता है।