भारत में लॉकडाउन के दौरान वायु गुणवत्ता में सुधार, अध्ययन में बताया गया!

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कोरोना महामारी के लिए लगाए जाने वाले लॉकडाउन का फायदा न सिर्फ संक्रमण की रफ्तार पर विराम लगाने में सहायक है बल्कि इसके चलते कई अन्य फायदे भी होते हैं।

वन इंडिया हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, हाल ही में रिपोर्ट आई थी कोरोना कर्फ्यू के कारण अन्य कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों के मामले भी कम हुए हैं।

वहीं, अब एक ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बीते साल भारत में लगाए गए पहले लॉकडाउन में देश की एयर क्वालिटी काफी बेहतर हुई थी।

यह रिपोर्ट साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी (यूके) और झारखंड सेंट्रल यूनिवर्सिटी (भारत) के वैज्ञानिकों ने मिलकर तैयार की है।

इस शोध में ये देखा गया है कि भारत में पिछले साल मार्च से मई के बीच लगाए पहले लॉकडाउन में देश की हवा की गुणवत्ता बेहतर हुई थी और कई प्रमुख शहरों में भूमि की सतह के तापमान में भी कमी देखी गई थी।

अंतरराष्ट्रीय टीम ने इसके लिए यूरोप स्पेस एजेंसी और नासा के सेंसर से प्राप्त किए डाटा का अध्ययन किया। उनकी स्टडी के लिए प्रमुख शहरी क्षेत्र- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बैंगलोर और हैदराबाद को चुना गया।

इन शहरों के हवा की क्वालिटी और सतही तापमान के डाटा को वैज्ञानिकों ने महामारी के पहले के वर्षों के मार्च से मई तक के आंकड़ों के साथ तुलना की। इसके बाद यह निष्कर्ष निकाला है।

अध्ययन में पाया गया कि लॉकडाउन के दौरान आई औद्योगिक गतिविधियों में अचानक कमी और महामारी की शुरुआत में लगाए गए यात्रा और कार्य प्रतिबंधों के परिणामस्वरूप यह महत्वपूर्ण पर्यावरणीय सुधार हुआ है।

आपको बता दें कि, यह स्टडी पर्यावरण अनुसंधान पत्रिका में प्रकाशित की गई है, जोकि पर्यावरण से संबंधित नीति के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।

रिसर्च में दिल्ली समेत कई शहरों के प्रदूषण में 40 प्रतिशत से अधिक गिरावट देखी गई है। खासकर ग्रीन हाउस गैस नाइट्रोजन डाई आक्साइड के उत्सर्जन में काफी कमी पाई गई।

यहां बता दें कि अकेले भारत में हर साल खराब वायु गुणवत्ता के कारण करीब 16,000 लोगों की समय से पहले मौतें होती है।

साभार- वन इंडिया हिन्दी